निबंध

Essay On Advantage And Disadvantage Of Lockdown In Hindi 1000 Words

Essay On Advantage And Disadvantage Of Lockdown In Hindi

लॉकडाउन के फायदे और नुकसान पर निबंध (Essay On Advantage And Disadvantage Of Lockdown In Hindi)कोरोना वायरस (covid 19) के कारण पूरी दिनिया में लॉकडाउन की प्रक्रिया अपनाई गई। भारत में भी लॉकडाउन लगया गया। लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में में ही रहे और बेहद जरूरी काम के लिए ही बाहर निकले की अनुमति थी । लॉकडाउन के वजह से इस दौरान कुछ ऐसे फायदे भी देखने को मिले हैं, जो covide 19 की वजह से अगर लॉकडाउन न हुआ होता तो शायद ही ऐसा देखने को मिलता ।

पर्यावरण और वन्यजीवों से लेकर भौगोलिक स्तर तक लॉकडाउन के चलते काफी सकारात्मक तथा नकारात्मक  बदलाव दोनों देखने को मिले हैं। अगर बात की जाये तो कुछ इसे सकारात्मक असर देखने को मिले है जिनकी कल्पना करना असंभव है आइये जानते है कुछ इसके प्रभाव जो वन्य जीवो से लेकर इंसानो तक हुए है।

Essay On Advantage And Disadvantage Of Lockdown In Hindi

लॉकडाउन के फायदे (Advantage of lockdown)

वन्यजीवों को फायदा

जब इंसान अपने घरों में रहने को मजबूर थे, उस समय ऐसे वन्यजीवों को काफी सुकून मिला जो डर और दुबक कर रहते थे। दुनिया के कई हिस्सों में ऐसे नज़ारे देखने को मिले हैं जहां वन्य जीव सड़कों पर निकल आए। इंसानो के घरो में रहने के कारण वन्य जीवो को आजादी मिल गई।  और वे बेपरवाह सड़को पर घूमने लगे। कुछ ऐसे जानवर देखने को मिले जो की दुर्लभ प्रजाति के है।

दुनिये के कई हिस्सों में हिरण और हाथी आदि जानवरों के भी सड़कों पर दिखाई देने की बात सामने आई है। शहरीकरण के चलते वास्तविक जंगल बड़ी तेजी से कंक्रीट के जंगलों में बदलते जा रहे है और परिणामस्वरुप वन्यजीवों को अपने लिए ठिकाना ढूँढना मुश्किल हो गया। आज जब इंसान covid 19 के कारण अपने घरों में रहने को मजबूर है, तब ये जानवर अपने आप को आज़ाद महसूस कर रहे हैं।

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प्रदुषण पर प्रभाव

Covide 19 के चलते देश भर में लॉकडाउन लगा और कारखानों को बंद करना पड़ा, जिसके परिणाम स्वरूप देश भर में वायु प्रदूषण और जल में अचानक गिरावट देखी गई। आज भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के के तमाम हिस्सों में हवा एकदम स्वच्छ हो गई गई, जो शायद पहले कभी संभव ही नहीं था।

वायु प्रदुषण में लॉकडाउन के कारण 80 से 90% की कमी आई है।  इनमे कई शहर शामिल है जहा दिल्ली एनसीआर में बहुत प्रदुषण था।  वही अब  दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में भी भारी कमी देखने को मिली है जो की पहले कभी नहीं सुनने को मिला।

भारी बहनो के चलने की अनुमति न होने के कारण वायु और ध्वनि प्रदुषण में भी गिरावट देखने को मिला।

धरती बनी स्वस्थ्य

फ़िलहाल covid 19 के समय में प्रदूषण में आई भारी कमी का असर इतना ज्यादा हुआ की अब इसका प्रभाव ओज़ोन परत पर भी दिखाई दे रहा है। नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक लेख में यह कहा गया है कि अगर स्थिति इस तरह बनी रही तो ओज़ोन परत जल्द ही पहले जैसी अवस्था में हो सकती है।

दुनिया के वैज्ञानिकों की मानें तो इससे काफी फायदा हुआ है। वायु प्रदुषण के कारण जो पर्यावरण को नुकशान होता है अगर ये प्रदुषण कम हो जाये तो ओज़ोन परत की क्षति कम होगी।

पर्यटन स्थल पर खूबसूरत प्रभाव

कोरोनावायरस से पहले पर्यटन स्थल लोगो से भरा हुआ करता था।, लेकिन अब लोग वहाँ नहीं जा रहे हैं तो पर्यटन स्थल के स्थिति में सुधार देखने को मिल रहा है। लॉकडाउन के बाद गंगा और यमुना के पानी में भी काफी सुधार देखने को मिला है।

गंगा और यमुना तथा अन्य सहायक नदियों में बड़े पैमाने पर कारखानों का दूषित पानी डाला जाता था, लेकिन अब इन नदियों की हालत में काफी सुधार देखने को मिला है।

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लॉकडाउन के नुकसान (Disadvantage of lockdown)

बेरोजगारी में बढ़ोतरी

इस महामारी के कारण बड़े-बड़े दफ्तर, कारखाने को बंद करने के वजह से मज़दूरों पर आफत आन पड़ी है। जो मज़दूर दैनिक मज़दूरी पे जीते थे उनके घरो में चूल्हा जलना बंद हो गया। बस्ती में लोगो को भूखे पेट सोना पड़ा।

गरीब लोगो पर covid 19 का सबसे ज्यादा असर पड़ा, उनके पास घर लौटने के पैसे तक नहीं थे । लगभग दुनिया में सभी देशो के करोबार को भरी नुकसान भी पंहुचा है। बड़े बड़े कारखाने और दफ्तरों को बंद रखने के कारण उनको भारी नुकसान सहना पड़ रहा है। इसके अलावा दूसरे वयापारो को भी इस परिस्थिति में काफी नुक्सान उठाना पड़ रहा है।

लोगो की मौत

इस महामारी के कारण दुनिया भर में लोगो ने अपने परिवार के किसी न किसी सदस्य को खो दिया।

पूरी दुनिया में लाखो लोगो की मौत हो चुकी है। और अब भी इस महामारी का पूरी तरह से इलाज नहीं मिल पाया है डॉक्टर और वैज्ञानिक इस की निरन्तन इलाज की प्रकिर्या में लगे है। कुछ देशो का दवा है की उन्होंने इसका इलाज खोज लिया है।

मानसिक तनाव

भारत में covid 19 के कारण घर में रहते हुए लोगो को मानसिक समस्या हो सकती है। इससे छोटे बच्चो को काफी मानसिक समस्या हो रही है, क्योकि वह बाहर खेलने या स्कूल जाने में असमर्थ है। कई बुजुर्ग लोग डिप्रेशन का शिकार भी हो सकते है। इन सबसे बचने के लिए एक उपाय यह है की अपने आप को ज्यादा से ज्यादा कार्यो में व्यस्त रखना ताकि यह सारे ख्याल हमारे मस्तिष्क में न आये।

निष्कर्ष

अगर प्रकृति कुछ करती है तो उसका सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव होता है। हमे जरुरत है की हम वक्त के साथ अपने आप को बदले, अगर इस महामारी की कारण कुछ सरकार के निति बनाई है तो हमे उन नीतियों का पालन करना चाहि।  ताकि हमे और पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो।

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