भूत की कहनी | Short Ghost Story in Hindi 200, 500 Words | PDF
Short & Long Ghost Story in Hindi
Top 10 Short & Long Ghost Story in Hindi 100, 200, 500 Words | आप इन सभी भूत की कहानियाँ निचे दिए हुए लिंक (PDF Download) कर सकते है।आज हम आपको कुछ ऐसे डरावनी और भूतिया कहानी से रूबरू करवाएँगे जिसे पढ़कर आप सहम जाएंगे। कुछ ऐसी बाते जिस पर यकीं करना कुश्किल होता है फिर भी उसे पढ़े बिना हम रह नहीं सकते तो आइए शुरू करते है ऐसे 10 बेहतरीन डरावनी और भूत की कहानियाँ।
Ghost Story in Hindi (भूत की कहनी)
1. लिफ्ट में भूत
ये कहानी दिल्ली की है, हम अम्बेडकर कॉलोनी में रहते थे। हमारे भवन का नाम अप्सरा था। लिफ्ट में भूत होने की अफवाह थी! दरअसल, एक महिला ने 14वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. तभी से लोग कहते थे कि लिफ्ट में उस औरत का भूत दिखता है!
हमारा घर पांचवी मंजिल पर था! हालाँकि मैं भूत की बात पर ज्यादा विश्वास नहीं करता था, लेकिन फिर भी रात को लिफ्ट में जाने से डरता था! खैर, मुझे लिफ्ट की भी जरूरत नहीं थी।
एक दिन मैं अपने एक मित्र के साथ घर वापस आ रहा था। वह भी उसी बिल्डिंग में रहता था! उस समय रात के करीब 10:00 बज रहे थे। हम लिफ्ट में जाने से डरते थे! लेकिन हम एक दूसरे को यह नहीं दिखाना चाहते थे कि हम डरे हुए हैं! तो हम लिफ्ट में चढ़ गए! लिफ्ट तीसरी मंजिल पर पहुंची, दरवाजा आधा खुला और अपने आप बंद हो गया!
लिफ्ट ऊपर जाने लगी ! हमने लिफ्ट को रोकने की कोशिश की लेकिन कोई भी बटन काम नहीं कर रहा था! लिफ्ट ऊपर की मंजिल पर गई और फिर नीचे की मंजिल पर आ गई। ऐसा 7-8 बार हुआ और फिर लिफ्ट 14वें फ्लोर पर जाकर रुकी। लिफ्ट का दरवाजा अपने आप खुल गया!
हम बहुत डरे हुए थे! हम जल्दी से लिफ्ट से नीचे भागे और अपने-अपने घरों में दाखिल हुए! घर में सभी ने पूछा कि मैं क्यों हांफ रहा हूं, तो मैंने बहाना बनाया कि मैं एक दोस्त के साथ दौड़ कर आ रहा हूं। उस दिन के बाद मैंने फिर कभी लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं किया!
2. छत पर चुड़ैल
मेरा नाम अमर है! मैं आपको वह सब कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो मैंने एक आँख से देखी थी! बात 5 साल पुरानी है, उस वक्त हम लखनऊ शहर में रहते थे। कुछ दिनों से हमारे मोहल्ले में किसी चुड़ैल के घूमने की अफवाह फैली हुई थी।
कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने रात में एक डरावनी महिला को घूमते हुए देखा है! वह कभी घरों की छत पर तो कभी गलियों में घूमती नजर आती हैं।
इस वजह से लोगों ने छत पर सोना बंद कर दिया था। अंधेरा होते ही सड़कें सुनसान हो जाती थीं। एक दिन मोहल्ले के लोग मिलकर रात भर देखते रहे, पर कोई नहीं आया!
मुझे तो बिल्कुल भी विश्वास नहीं होता था, जो भी चुड़ैल की बात करता था मैं उसका मज़ाक उड़ाता था! मैंने माना कि ये लोगों की वहम है या कोई शख्स लोगों को डरा रहा है!
एक रात बत्ती चली गई! गर्मी में अंदर सब सो रहे थे! चुड़ैल के डर से कोई छत पर जाने की हिम्मत नहीं करता था! मुझे ऊपर जाने की भी मनाही थी! लेकिन जब गर्मी बर्दाश्त नहीं हुई तो मैं अपना बिस्तर लेकर छत पर चला गया!
छत पर पहुँच कर देखा तो छत के कुण्डों पर एक महिला बैठी है! उसके हाथ में मांस का टुकड़ा था जिसे वह खा रही थी! उसका चेहरा दूसरी तरफ था! केवल उसके हाथ जानवरों जैसे दिखते थे! यह सब देखकर मेरी हालत और खराब हो गई!
मैं अपना बिस्तर वहीं छोड़कर भागा और दरवाजे की कुंडी लगा दी! उस दिन से मैं भी डायन की बातों में विश्वास करने लगा!
अगले कुछ दिनों तक डायन दिखने की घटनाएं होती रहीं, लेकिन कुछ दिनों बाद डायन दिखाई देना बंद हो गई! लोगों का डर भी खत्म होने लगा! लेकिन मैंने जो देखा उसे मैं कभी नहीं भूलूंगा!
3. तालाब में भूत
बात तब की है जब मैं 10-11 साल का था ! गर्मी की छुट्टी थी! मैं अपने गांव गया था! गाँव में मौज-मस्ती के अलावा कोई काम नहीं था! गांव में जो आजादी थी वो शहर में नहीं थी।
गांव के पास एक तालाब था। एक दिन मैंने अपने भाई से, जो गाँव में रहता था, वहाँ चलने को कहा। उसने बताया कि उस तालाब में एक भूत रहता है ! वहां जाओगे तो मारे जाओगे!
मैंने कहा चुपके से जाओ किसी को पता नहीं चलेगा ! अगले दिन दोपहर को जब सब घर में आराम कर रहे थे तो हम दोनों चुपके से निकल पड़े ! हमने अपना मछली पकड़ने का सामान भी ले लिया! तालाब पर पहुँच कर हमने मछली पकड़ना शुरू किया!
थोड़ी देर बाद मेरा भाई वहां से उठा और कहीं चला गया। मैं वहां अकेला रह गया था, अचानक किसी ने मुझे पीछे से जोर से धक्का दे दिया! मैं तालाब में गिर गया! तालाब बहुत गहरा नहीं था, फिर भी मैं बाहर नहीं निकल सका! जैसे कोई मुझे अंदर खींच रहा हो!
मेरी साँस फूलने लगी थी! इसी बीच किसी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे ऊपर खींच लिया! वो कोई और नहीं बल्कि मेरा भाई था! कुछ देर बाद जब मैं नॉर्मल हुआ तो मैंने पूछा तुमने मुझे धक्का क्यों दिया !
उसने कसम खाई कि उसने धक्का नहीं दिया! उसके चेहरे से लग रहा था कि वह झूठ नहीं बोल रहा है! हम दोनों जल्दी से वहाँ से भागे और फिर कभी वहाँ नहीं गए!
4. भूत का साया
इस बात को करीब 5 साल हो चुके हैं, तब मेरी चाची की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी! वह उल्टी-सीधी हरकतें करती थी और किसी को भी कुछ भी बोल देती थी!
हमने कई डॉक्टरों को दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ! तब हमारे एक रिश्तेदार ने हमें बताया कि उस पर एक चुड़ैल का साया है और उसे बालाजी के पास ले जाना होगा! घरवाले बिना देर किए बालाजी के लिए रवाना हो गए!
बालाजी के पहुंचते ही चाची गाड़ी से उतरीं और दौड़ती हुई अंदर चली गईं। घबराए परिजन भी उसके पीछे हो लिए। वहाँ जाकर पता चला कि चाचा ने अपने बगीचे में एक पेड़ काट दिया था जिसमें डायन और उसके बच्चे रहते थे!
उनके घर में सेंध लगाने आई थी डायन! लेकिन वहां थोड़ी समझाइश के बाद वह मान गई! उसने अपने भूखे बच्चों के लिए दूध माँगा ! चाचा दूध ले आए और जैसे ही उन्हें दूध देना चाहा उसने मना कर दिया और कहा कि मेरे बच्चे मीठा दूध पियेंगे!
चाचा ने सामने से जलेबी लाकर दूध में डाल दी! उसके बाद उस चुड़ैल ने जंगल में एक पेड़ लगाने को कहा और साथ ही 2 साल तक रोज उसके नीचे दूध रखने को कहा !
उसके बाद चाची ठीक होने लगी और सब लोग वापस आ गए, लेकिन वापस आते समय चाची कुछ अजीब हरकतें करने लगीं! घरवाले बहुत परेशान हो गए! पूछने पर पता चला कि अब तो किसी और भूत का साया है!
उसने बताया कि कुछ साल पहले मेरे चाचा को एक सपना आता था ! सपने में एक आदमी उससे पानी मांगता था। उसने बताया कि वह वही आदमी है! इसके बाद क्या हुआ बहुत पूछने पर भी किसी ने कुछ नहीं बताया ! लेकिन चाची बिल्कुल ठीक थीं, जिससे सभी संतुष्ट थे!
5. चाची का भूत
यह कहानी मेरे गाँव की है ! वहाँ मेरे दो चाचा और उनका परिवार गाँव में रहा करता था। सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन मेरे बड़े चाचा की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई! उसके कुछ समय बाद मेरी बड़ी चाची का भी देहांत हो गया!
उसके बाद मेरे छोटे चाचा और उनका परिवार भी गांव का घर छोड़कर शहर आ गए। कुछ महीनों के बाद मेरे छोटे चाचा को गाँव के घर में मरम्मत करवाने जाना पड़ा! उन्होंने घर की मरम्मत का काम शुरू किया !
एक शाम मरम्मत का काम खत्म कर रात 10 बजे चाचा छत पर लेटे हुए थे। उन्होंने आंगन में बैठी मेरी बड़ी चाची का भूत देखा! चाचा की आंखों में आंसू भर आए! जैसे ही वह सीढ़ियों के नीचे पहुंचे, उन्होंने देखा कि मेरी बड़ी चाची सीढ़ियों के नीचे बैठी हैं, उन्हें घूर रही हैं!
यह देखकर मेरे चाचा एकदम डर गए और अपने होश खो बैठे! इसके बाद जब उसे होश आया तो वह पड़ोसी के घर गये। उन्होंने उन्हें सारा दृश्य बता दिया! उसके बाद मेरे चाचा की तबीयत बुरी तरह बिगड़ गई। वह जल्दी से शहर आ गया लेकिन उस बात को कभी नहीं भूला !
6. माँ की ममता
रमेश जो 25 साल का है, उसकी नई-नई शादी हुई है और उसकी एक खूबसूरत पत्नी है। दोनों हनीमून के लिए हिमाचल गए थे जहां उन्होंने 5 दिन बिताए।
अब उसके अपने घर लौटने का समय आ गया था। दोनों अपनी कार में बैठकर नोएडा के लिए निकल गए। रात के 10:00 बज रहे थे। अब वे हिमाचल की घाटी को पार करने ही वाले थे कि सड़क बिल्कुल सुनसान थी और गाड़ी बहुत तेज गति से जा रही थी।
अचानक रमेश ने अपनी कार के सामने एक महिला को देखा जिसने लाल साड़ी पहनी हुई थी। वह दूर से ही हाथ हिलाकर गाड़ी रोक रही थी। उसे देखकर रमेश की पत्नी ने कार रोकने से मना कर दिया क्योंकि उसे डर था कि यह डकैती की साजिश हो सकती है। अचानक महिला कार के सामने आ गई जिससे रमेश को कार रोकनी पड़ी।
महिला जोर-जोर से दरवाजा पीटने लगी। उसके चेहरे के भाव से ऐसा लग रहा था जैसे वह किसी बड़ी मुसीबत में फंस गई हो। रमेश की पत्नी ने कार का दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि यह कोई चाल हो सकती है, हमें बाहर नहीं जाना चाहिए।
रमेश ने कहा कि अगर वह सच में परेशानी में है तो उसे हमारी जरूरत होगी क्योंकि उसे देखकर वह अच्छे घर से लग रही थी। मेरे इतना कहते ही रमेश ने कार का दरवाजा खोला और बाहर आ गया।
महिला ने घबराहट में कहा, “कृपया मेरी मदद करें”। रमेश बोला क्या हुआ। उसने जवाब दिया कि मेरी कार नीचे खाई में गिर गई है और एक पेड़ से टकरा गई है और मेरी छोटी बच्ची उसमें फंस गई है। प्लीज उसे बाहर निकालो।
यह सुनते ही रमेश की पत्नी भी बाहर आ गई और तीनों खाई की ओर चले गए। देखा कि कार थोड़ा नीचे पेड़ से टकराई थी और पीछे एक छोटी बच्ची बैठी थी जो रो रही थी। रमेश ने बहुत कोशिश की तो कार का दरवाजा खुल गया। रमेश ने उस बच्ची को बाहर निकाला और गोद में बिठा लिया, लेकिन बच्ची अब भी रो रही थी.
तभी रमेश की नजर सामने वाले सीट पर गई जहां उसे लगा कि कोई बैठा है। जब रमेश ने देखा तो उसके पैर टेल जमीन फिसल गई। उसे विश्वास नहीं हो रहा था, उसने देखा कि आगे की सीट पर बच्चे की माँ के अलावा कोई नहीं था जो रमेश को मदद के लिए पुकार रही थी।
रमेश ने देखा कि उस महिला के माथे से खून निकल रहा था और वह मर चुकी थी. रमेश की पत्नी उसके पास आई और वह भी उसे देखकर हैरान रह गई।
यह देख रमेश और उसकी पत्नी ने पीछे मुड़कर देखा जहा पहले महिला खड़ी थी लेकिन अब वह कोई नहीं थी।
7. हॉस्टल का भूत
हमारे गांव के पास एक कॉलेज है। यह एक बहुत अच्छे शिक्षण संस्थान के रूप में गिना जाता है। यहां दूर-दूर से बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं।
करीब 9 साल पहले की बात है। यहां हॉस्टल में रहकर एक लड़का पढ़ता था। वह बहुत बुद्धिमान और मिलनसार था। उसके साथ हॉस्टल में रहने वाले बच्चे उसे सोनू भाई कहकर बुलाते थे।
एक बार वे अपने बड़े भाई की शादी में शामिल होने के लिए 10 दिन के लिए अपने गांव गया। 10 दिन बाद वह लड़का वापस हॉस्टल आ गया । लेकिन अपने दोस्तों से कम बात करता था, यहाँ तक कि दोस्तों के साथ खाना भी नहीं खाता था और कहता था बाद में खाऊँगा।
अब उसका पढ़ाई में भी मन कम लगता था, जब उसके साथ के बच्चे उस से बात करना चाहते थे तो कम ही बात करते था, दिन में पता नहीं कहाँ रहते था और रात को हॉस्टल में ही सोने आ जाता था। घर से हॉस्टल आए अभी एक हफ्ता ही हुआ था कि एक दिन सोनू भाई के घरवाले हॉस्टल आ गए.
एक लड़के ने उसके घरवालों से कहा कि सोनू भाई रात को ही सोने आते हैं। लड़के की बात सुनकर सोनू के घरवाले रोने लगे और कहा कि ये रात में भी कैसे आ सकता है. हम उसका सामान लेने आए हैं।
सोनू नहीं रहा। यहां से निकलने के दो दिन बाद वह मोटरसाइकिल से अपने रिश्तेदार के यहां जा रहा था, उसकी मोटरसाइकिल तेज रफ्तार ट्रक से टकरा गई और उसकी मौत हो गई. ऐसा कहकर वे लोग और तीव्र रोने लगे।
हॉस्टल के बच्चे जो बात सुन रहे थे सहम से गए, वे बार-बार यही सोच रहे थे कि क्या रात को जो लड़का उनके साथ रहता था, जिसे वे देखा करते थे, वह सोनू भाई का भूत तो नहीं है।
खैर उस दिन के बाद सोनू का भूत फिर कभी हॉस्टल में सोने नहीं आया और कई महीनों तक हॉस्टल के सारे बच्चे डरे सहमे रहे। सोनू भाई के लिविंग रूम में ताला लटका रहा। वह कहता रहा कि सोनू भाई को अपने हॉस्टल से बहुत लगाव है, इसलिए मृत्यु होने के बाद भी वह हॉस्टल नहीं छोड़ सका।
कहा जाता है कि आज भी बच्चे सोनू भाई के पास सोने वाले डरे सहमे रहते हैं, कह नहीं सकते कि यह घटना सही है या गलत, क्योंकि यह घटना मैंने गांव वालों से सुनी है।
8. पीछे मत देखना, मृत्यु निश्चित है
दोस्तों एक रात मैं अपने दोस्त के साथ अपने गांव से बस स्टैंड के लिए देर रात खेत के रास्ते जा रहा था तो मेरे एक दोस्त ने कहा, “दोस्त थोड़ा और तेज चलो, इस खेत से कुछ प्रॉब्लम है अगले दो खेत” तो मैंने पूछा कि क्या बात है, तो वह बार-बार बात को टालता गया।
लेकिन जब मैंने और दबाव डाला तो उसने पूरी कहानी बता दी।
कई साल पहले एक आदमी अपने गांव से रात के समय इन खेतों के बीच से गुजर रहा था। रास्ते में एक पेड़ के नीचे पेशाब करने गया। इसके बाद वह कुछ दूर चला ही था कि उसे एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी।
उसने सोचा कि यह रात के चौकीदार का बच्चा होगा, लेकिन तभी उसे याद आया कि यह खेत रामेश्वर का है जो 3 साल पहले यहां फांसी लगाकर मर गया था।
वह आदमी भयभीत कदमों से आगे बढ़ता रहा। उसे लोगों की बातें याद आने लगी। इस खेत से गुजरते समय कभी भी रात को पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए। कोई मार्ग पूछे तो उसके चरणों की ओर न देखें। कोई कितना भी कहे, उसकी न सुनें।
यह सब बातें मन ही मन सोचते-सोचते उस आदमी की हालत बहुत खराब हो गयी और वह सोचने लगा कि यहाँ आने से पहले उसने यह सब क्यों नहीं सोचा। जैसे-जैसे वह आगे बढ़ता गया, बच्चे की आवाज तेज होती गई और ऐसा लगा जैसे वह उसके साथ चल रहा हो।
तभी अचानक उसने देखा कि एक बच्चा पेड़ के नीचे रो रहा है, तो डर कर उसने पुकारा कि यह किसका बच्चा है, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई।
डर के मारे वह आगे बढ़ गया लेकिन बच्चे के रोने की आवाज सुनकर उससे रहा नहीं गया और उसने पीछे मुड़कर देखा। उसने देखा कि झूले में बच्चा उसके पीछे है। दयावश इस बच्चे को गोद में लेकर वह भागने लगा। थोड़ी देर बाद वह बच्चा उसे भारी लगने लगा।
वह यह देखकर चौंक गया कि उसके पैर लंबे और लगभग जमीन को छू रहे थे। उसने घबराकर बच्चे को गिरा दिया। बच्चे के गिरते ही बच्चे बड़े आदमी की तरह जोर-जोर से हंसने लगा। तुम आज बच गए, अगर मेरे पैर जमीन पर लग जाते तो आज यहां तुम्हें कोई नहीं बचा सकता था। तुम्हारी मृत्यु निश्चित थी। वह बच्चा गायब हो गया।
वह आदमी गिरते-गिरते घर पहुंचा और घर पहुंचते ही बेहोश हो गया, होश आने पर उसने गांव वालों को पूरी कहानी सुनाई, यह सुनते ही घबराकर पीछे मुड़े बिना वह उतनी ही तेजी से भागा और कि उस खेत से कभी वापस नहीं गया।
9. सैनिक का भूत
यह मामला मध्य प्रदेश का है। मैं अपने दोस्त के साथ मेले से वापस आ रहा था। हम दोनों बहुत थके हुए थे इसलिए ज्यादा बात नहीं कर रहे थे। अचानक मेरा दोस्त कुछ बड़बड़ाने लगा। वह पंजाबी में कुछ बोल रहा था, लेकिन वह पंजाबी नहीं जानता था और खुद ही सवाल पूछ रहा था और जवाब दे रहा था।
मैं समझ नहीं पा रहा था कि वह ऐसा क्यों कर रहा है। मुझे लगा कि वह शायद मजाक कर रहा है। खुद से कुछ मांग रहा था और खुद से कह रहा था कि मेरे पास नहीं है।
कुछ दूर जाने पर सड़क दो भागों में बंट गई। एक रास्ता गांव की तरफ जाता था और दूसरा जंगल की तरफ। वहां मेरे दोस्त ने मेरा नाम मोहन पुकारा और वहीं बेहोश हो गया।
मैंने एक आदमी को फौजी की वर्दी और हरी पगड़ी पहने जंगल की ओर जाते देखा। कुछ दूर जाने के बाद वह गायब हो गया। मैं किसी तरह अपने दोस्त को घर ले आया और सारी बात बताई।
उनके घर में थोड़ा तनाव था। लेकिन कुछ ही देर में उसे होश आ गया और कुछ देर की प्रार्थना के बाद सब कुछ सामान्य हो गया।
मैंने भूतों की कई कहानियां सुनी थीं लेकिन अपनी आंखों से देखी घटना को मैं कभी नहीं भूल सकता।
10. पुराना कब्रिस्तान
यह कोई काल्पनिक कहानी या फिल्मी कहानी नहीं है बल्कि आंखों से देखा हुआ सच है। मैं अपनी कंपनी की ओर से पिकनिक पर गया था। पिकनिक शहर के बाहर एक रिसॉर्ट में थी।
पहले कंपनी के लोग क्रिकेट और अन्य खेल खेला। उसके बाद हम वाटर पार्क गए। गहरे पानी में कुछ ही लोग तैर रहे थे, बाकी सब कम गहरे पानी में तैर रहे थे।
हम दोस्तों ने शर्त लगाई। एक सिक्का पानी में फेंका जाएगा और जो कम से कम समय में सिक्का ढूंढ़ लेगा वह उसे ढूंढ पाएगा। वह जीत जाएगा।
सभी ने बारी-बारी से गोता लगाया, लेकिन किसी को सिक्का तक नहीं मिला। अगली मेरी बारी थी, मैं पानी में कूद गया, लेकिन पानी में घुसते ही सब कुछ बदल गया। मैंने पाया कि जमीन के नीचे कब्रिस्तान दिखाई दे रहा था।
वहां एक औरत खड़ी थी जो शक्ल और पहनावे से भारतीय नहीं लग रही थी। उसके हाथ में वही सिक्का था। वह हाथ ऊपर करके खड़ी रही। ऐसा लग रहा था जैसे वह मुझे सिक्का देने के लिए खड़ी हो।
जैसे-जैसे वह अपने सम्मोहन में आगे बढ़ रहा था। कुछ ही पलों में मैं उसके करीब था और मैंने सिक्का उसके हाथ से ले लिया। जैसे ही मैं वापस आने लगा उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे खींच लिया। अब उसका और मेरा चेहरा आमने-सामने था।
एक पल में उसका चेहरा बदल गया और भयानक रूप धारण कर लिया। उसकी आँखों से खून बह रहा था और उसके चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान थी। मेरे डर की कोई सीमा नहीं थी। मैं डर से कांपने लगा।
मैंने अपना हाथ छुड़ाया, उसके बाद कब्रिस्तान और वह महिला दोनों गायब हो गए और मैंने खुद को पकड़ लिया। मुझे ऐसा लगा जैसे मैं किसी सपने में हूं। मैं जल्दी से पानी से बाहर आया और जाकर बैठ गया। मेरा दम घुट रहा था।
मेरे दोस्त मेरी मदद करने लगे। सबने पूछा क्या हुआ। मैंने कुछ जवाब नहीं दिया। मैंने मुट्ठी खोली तो देखा कि सिक्का मेरे हाथ में था। यह देखकर मेरे मित्र खुशी से नाचने लगे और मुझे बधाइयां देने लगे।
दोस्तों ने फिर से शर्त लगा ली, लेकिन मैं दोबारा पानी में नहीं गया। शाम हो चुकी थी, हमारी बस निकलने वाली थी। हममें से कुछ लोग सिगरेट पीने बाहर गए। मेरे दोस्त मजाक कर रहे थे और जोर से हंस रहे थे।
हमारे सामने खड़े एक अंकल हमारी बातें सुन रहे थे और बीच-बीच में बोल रहे थे। मैं चुपचाप खड़ा रहा, मेरे एक मित्र ने मजाक में पूछा कि मैं तब से चुप क्यों हूं।
क्या तुमने अंदर कोई भूत देखा है? यह सुनकर अंकल ने मजाक में कहा कि अंग्रेजों के जमाने में यह कब्रिस्तान हुआ करता था। तुमने शायद उन्ही लोगों को देखा होगा।
यह सुनकर सभी हंसने लगे, लेकिन मुझे पूरा यकीन था कि जो मैंने देखा था वह मेरा भ्रम नहीं था।
आशा करते है! आप को ये सभी (Ghost Story in Hindi) भूत की कहानियाँ पसंद आई होगी। अगर आप को ऐसे ही दिलचस्प कहानियाँ पसंद है तो हमे कमैंट्स बॉक्स में कमैंट्स करें।
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