Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi (PDF)
Short & Long Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi (आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध | Aajaadee Ka Amrit Mahotsav Par Nibandh)
Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi | भारत इस वर्ष आजादी के पवन अवसर पर 75 वर्ष मना रहा है और इस बार देश इस अवसर को आजादी का अमृत महोत्सव के साथ मना रहा है। हमने निम्नलिखित हिंदी में आज़ादी का अमृत महोत्सव पर एक निबंध दिया है। सभी पाठक इस निबंध का उपयोग अपनी सुविधानुसार लिखने के लिए कर सकते है और आजादी का अमृत महोत्सव की मुख्य विशेषताओं पर बहुमूल्य जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
यह उत्सव भारतीय की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि का प्रतिक है। आजादी का अमृत महोत्सव राष्ट्र को अपनी विविधता और एकता का जश्न मनाने और भविष्य की ओर देखने के लिए एक साथ आने का अवसर है।
इस निबंध और पैराग्राफ़ में, (Short & Long Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi) हम आज़ादी का अमृत महोत्सव को 100, 200, 300 और 500 शब्दों में दिया गया हैं।
निबंध (100 शब्द)
आज़ादी का अमृत महोत्सव आज़ादी के 75 साल और अपने संस्कृति, लोगों और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का स्मरण करने और जश्न मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है।
यह महोत्सव भारीय देशवाशी को समर्पित है जिन्होंने न केवल भारत देश को उसकी विकासवादी यात्रा में इतना आगे लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है बल्कि उनके प्रेम की भावना से प्रेरित होकर भारत 2.0 को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को सक्षम करने की शक्ति भी है। इसका आत्मनिर्भर भारत बनने की सम्भावना भी है.
यह उत्सव (आज़ादी का अमृत महोत्सव) की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च 2021 को शुरू हुई जिससे हमारी आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ की 75 सप्ताह की उलटी गिनती शुरू हुई जो एक साल बाद 15 अगस्त 2023 को समाप्त होगी।
निबंध (200 शब्द)
भारत का 75वां स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2022 को मनाया गया। इस साल स्वतंत्रता दिवस बहुत ही विशेष था क्योंकि इस साल भारत ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाया। भारतीय संस्कृति, इतिहास, भारतीय सेना, स्वतंत्रता सेनानी जिन्हें हमने खो दिया और जिनमें से कुछ अभी भी जीवित हैं उनके लिए इस वर्ष जश्न मनाया गया।
यह महोत्सव हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 12 मार्च 2021 को साबरमती आश्रम से यात्रा शुरू किया गया और आधिकारिक तौर पर आज़ादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत की। प्रधान मंत्री ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 75 सप्ताह तक चलने वाले इस उत्सव की शुरुआत की। यह 75वें भारतीय स्वतंत्रता दिवस तक 75 लंबे सप्ताहों तक जारी रहेगा और 15 अगस्त 2023 पुरे एक वर्ष का विस्तार करेगा।
आजादी का अमृत महोत्सव ने आत्मनिर्भर भारत अभियान माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित नए भारत का दृष्टिकोण है जिसमे निम्नलिखित अभियान घोषित ‘पंच प्राण’ के अनुरूप नौ महत्वपूर्ण विषयों की तर्ज पर हैं सांस्कृतिक गौरव, महिला और बच्चे, जनजातीय सशक्तिकरण, जल, स्वास्थ्य और कल्याण, पर्यावरण के लिए जीवन शैली (LiFE), आत्मनिर्भर भारत और एकता, समावेशी विकास।
निबंध (300 शब्द)
आज़ादी का अमृत महोत्सव उन सभी भारतीय को समर्पित है जिन्होंने देश के विकास में महत्वपूर्ण और सफल योगदान दिया है, जो अब प्रधान मंत्री मोदी के 2.0 भारत को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को पहचानने के लिए काम कर रहे हैं, जिसकी सहायता से आत्मनिर्भर भारत नामक प्रणाली पूरा किया जा रहा है।
देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने आज़ादी के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी जबकि अनगिनत कठिनाइयों और लड़ाइयों के बावजूद भी सभी एक साथ आए और देश की आज़ादी के लिए आगे बढ़ते रहे जिनके कारण हम आज स्वतंत्र हैं। यह महोत्सव स्वतंत्रता सेनानियों के निर्वासन को दिखाकर और देश के प्रति उनकी भक्ति को उजागर करके सभी देशवासियो को निस्वार्थता और प्रेम का मूल्य पैदा करना है।
आज़ादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत कैसे हुई, जब 12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी ने दांडी यात्रा शुरू की। उन्होंने राष्ट्रीय स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए साबरमती आश्रम से मार्च शुरू किया। जबकि 2021 में इसी दिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी ऐतिहासिक दांडी यात्रा का शुभारंभ किया था। इस महोत्सव ने भारतीयों की सम्मान और स्वतंत्रता के लिए नए सिरे से खोज की शुरुआत का संकेत दिया। इस महोत्सव का अर्थ है “मुक्ति सेनानियों से प्रेरणा का अमृत”, आज़ादी का अमृत महोत्सव 15 अगस्त 2022 से 75 सप्ताह पहले शुरू हुआ और 15 अगस्त 2023 को समाप्त होगा।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, इस महोत्सव का अर्थ, स्वतंत्रता की ऊर्जा का अमृत है; नए विचारों और प्रतिज्ञाओं का अमृत, स्वतंत्रता संग्राम के योद्धाओं की प्रेरणाओं का अमृत और आत्मानिर्भरता का अमृत, इसलिए आज़ादी का अमृत महोत्सव राष्ट्र के जागरण का महोत्सव है, वैश्विक शांति और विकास का त्योहार, और सुशासन के सपने को साकार करने का पर्व।
इस प्रकार, जब छात्र स्वतंत्रता के संघर्ष को समझने लगते है तो उन्हें न केवल स्वतंत्रता का वास्तविक अर्थ पता चलता है बल्कि उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों की कठिनाइयों, तकलीफो, संघर्षो और विजय के बारे में भी अधिक ज्ञान प्राप्त होता है। इसलिए, हम सभी को अपनी देशभक्ति की भावना को बनाए रखने और समाज के प्रति जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए इस दिन को मनाना चाहिए।
निबंध (500 शब्द)
आज़ादी का अमृत महोत्सव भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ है जो भारत सरकार द्वारा मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रमों की एक श्रृंखला है। इसे जन-भागीदारी की भावना से जन-उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।
जिस प्रकार, हम 15 अगस्त 2023 की उल्टी गिनती शुरू कर रहे हैं, आजादी का अमृत महोत्सव का लक्ष्य भारत और दुनिया भर में अभियानों और पहुंच के माध्यम से इस जन आंदोलन को ज्यादा बढ़ावा देना है। निम्नलिखित अभियान माननीय प्रधान मंत्री द्वारा घोषित ‘पंच प्राण’ के अनुरूप नौ महत्वपूर्ण विषयों की तर्ज पर हैं जिनमे महिला और बच्चे, जल, सांस्कृतिक गौरव, जनजातीय सशक्तिकरण, पर्यावरण के लिए जीवन शैली (LiFE), स्वास्थ्य और कल्याण, आत्मनिर्भर भारत और एकता, समावेशी विकास, शामिल है। इस निबंध में हम कुछ बिन्दुओ का उल्लेख करेंगे।
महिलाएं और बच्चे
बाल विकास में निवेश करना किसी भी राष्ट्र के बेहतर भविष्य के निर्माण की कुंजी है। बच्चों के मूल्य, स्वास्थ्य और शिक्षा सीधे देशों के आर्थिक और सामाजिक संकेतकों को प्रभावित करते हैं और इसकी वैश्विक स्थिति को भी आकार देते हैं। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि बच्चों को नागरिक, नैतिक, और सामाजिक शिक्षा प्राप्त हो जिससे वैज्ञानिक, तकनीकी, सांस्कृतिक, कला, शैक्षिक आदि में नवीनतम विकास से अवगत होना।
इसी तरह, महिलाएं किसी भी राष्ट्र के प्रगति और विकास को मापने के लिए एक महत्वपूर्ण मीट्रिक हैं। महिला आंदोलन ने एक लंबा सफर तय किया है जिसमें बालिकाओं की स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे कई मोर्चों पर प्रगति दिखाई दे रही है जिन्होंने अपने निरंतर प्रयासों से भारत के स्तिथि को बदल दिया है।
आत्मनिर्भर भारत
आत्मनिर्भर भारत अभियान माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित नए भारत का दृष्टिकोण है जो 12 मई 2020 को प्रधान मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत करते हुए राष्ट्र का आह्वान किया और 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की जो भारत के जीडीपी के 10% के बराबर है।
इसका उद्देश्य देश और उसके नागरिकों को हर दृष्टि से आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनाना है। उन्होंने आगे आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों को रेखांकित किया – जिसमे बुनियादी ढांचा, अर्थव्यवस्था, प्रणाली, जीवंत जनसांख्यिकी और मांग है।
जनजातीय सशक्तिकरण
संपूर्ण भारत के जनजातीय समुदायों ने हमारे देश की संस्कृति, समृद्धि और विरासत को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 2011 की आम सहमति के अनुसार, भारत में आदिवासी आबादी 104 मिलियन थी, जो देश की आबादी का 8.6% है। भारत के विकास में जनजातीय समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका अच्छी तरह से स्थापित है चाहे वह खेल का क्षेत्र हो, स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान हो, या व्यवसाय का क्षेत्र हो।
सांस्कृतिक गौरव
भारत कई संस्कृतियों का देश है, यह दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है, जो 4,000 साल से भी अधिक पुरानी है। इस दौरान कई परंपराएं और रीति-रिवाज एक साथ आई हैं जो देश की समृद्ध संस्कृति और विरासत को दर्शाती हैं।
स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र
भारतीय ज्ञान प्रणालियों में निहित पारंपरिक दवाओं के ज्ञान को पुनर्जीवित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, आयुष क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। योग के साथ कल्याण और फिटनेस, योग केंद्रित समग्र कल्याण के लिए दुनिया ने हमेशा भारत की ओर देखा है। तेजी से गतिहीन जीवनशैली पर आधारित जीवन में अगला लक्ष्य योग को हर किसी के जीवन का निरंतर हिस्सा बनाना है।
निष्कर्ष
आज़ादी का अमृत महोत्सव का मुख्य उद्देश्य देश को प्रगति की ओर ले जाना है। देश के इतिहास और संस्कृति से प्रेरणा पाकर हम अपने जीवन और देश के विकास में महत्वपूर्ण सेवा प्रदान करना है और देश के प्रति दुनिया भर समान बनाना है।
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