निबंध

रेल यात्रा पर निबंध | Essay on Train Journey in Hindi 500 Words | PDF

Essay on Train Journey in Hindi

Essay on Train Journey in Hindi 500 + Words (Download PDF) कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए – रेल यात्रा पर निबंध द्वारा कुछ अनुभव साझा करेंगे। हम सभी ने रेल यात्रा अवश्य किया होगा। यह एक बहुत ही लुभावना दृश्य होता है। यात्रा का अनुभव कई दिनों तक हमारे दिलो दिमाग से निकलती नहीं है। ऐसी एक रेल यात्रा में आप के साथ निबंध के रूप बताने जा रहा हूँ तो आइये शुरू करते है। (Essay on Train journey in Hindi )

प्रस्तावना

स्थल यातायात में रेलगाड़ी का महत्वपूर्ण स्थान है। हमारे देश में सारे देश को रेल लाइनों से जोड़ दिया गया है। मैं बस द्वारा तो कई बार यात्रा कर चुका था परंतु रेल यात्रा करने का अवसर मुझे कभी नहीं मिला था। मैंने ग्रीष्मकालीन अवकाश में प्रथम बार रेल यात्रा की। यह यात्रा मेरे जीवन की सबसे स्मरणीय यात्रा रही क्यूंकि जो मैंने अनुभव किया वे किसी ओर यात्रा में कभी नहीं किया।

राजस्थान जाने का कार्यक्रम

मेरे पिताजी सरकारी कर्मचारी हैं। उन्हें समय-समय पर अवकाश यात्रा की छूट मिलती है जिसको एल टी सी कहते हैं। प्रत्येक सरकारी कर्मचारी समय समय पर एल टी सी पर यात्रा करते हैं। विगत ग्रीष्मावकाश पर मेरे पिता एल टी सी पर राजस्थान जाने का कार्यक्रम बनाया। इस अवसर पर हमने रेल यात्रा द्वारा राजस्थान जाने की योजना बनाई। यह मेरी प्रथम रेल यात्रा थी।

यात्रा का शुभारंभ

ग्रीष्मावकाश पड़ने पर हम 10 मई को घर से गुजरात के रेलवे स्टेशन को चल पड़े। अपना आवश्यक सामान लेकर हम टैक्सी द्वारा रेलवे स्टेशन पहुंचे। हमारी गाड़ी को प्लेटफार्म नंबर 8 पर खड़ा होना था। हम 8 नंबर प्लेटफार्म पर अपनी गाड़ी की प्रतीक्षा के लिए बेंच पर बैठ गए।

हमारी गाड़ी ने प्रातः 6:00 बजे राजस्थान को जाना था परंतु ध्वनि प्रसारण यंत्र से बताया गया कि राजस्थान जाने वाली गाड़ी आज एक घंटा विलम से प्रस्थान करेगी। हम फिर अपने प्लेटफार्म पर इधर उधर घूमने लगे। 7:00 बजे तक प्रतीक्षा करने के लिए समाचार पत्र का अध्ययन करने लगे।

प्लेटफार्म पर कई प्रकार की दुकानें उपलब्ध होती हैं। पत्र, पत्रिकाएं, व पुस्तक विक्रेता की दुकान, फल वाले की दुकान, खाद्य सामग्री की दुकानें, आदि। मैंने गाड़ी में पढ़ने के लिए एक पत्रिका ‘पराग’ व ‘नंदन’ खरीदी। 7:00 बजे छुक -छुक करते हुए रेल गाड़ी प्लेटफार्म नंबर 8 पर पहुंच गई।

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यात्रा का अनुभव

हमारा पहले से ही आरक्षण था। अपने आरक्षित डिब्बे में हम अपने पूर्व निर्धारित सीट पर बैठ गए। हमारी ही तरह अन्य यात्री भी उस कंपार्टमेंट में अपनी अपनी सीट पर आसीन होने लगे। अभी गाड़ी प्रस्थान में 10 मिनट शेष थे। मैंने बाहर आकर सामान्य डिब्बे की ओर देखा। वहां की भीड़ को देखकर मैं दंग रह गया।

गार्ड ने सिटी बजाई और हरी झंडी दिखाई। मैं फौरन अपने कंपार्टमेंट की ओर दौड़ पड़ा और अपनी सीट पर जा बैठा। गाड़ी धीरे धीरे छुक छुक करती हुई गुजरात के स्टेशन से विदा हो गई। गुजरात रेलवे स्टेशन की वह चहल पहल देखते-देखते मेरी निगाह से ओझल हो गई।

रेलगाड़ी अपने गति से आगे बढ़ रही थी। मैं गाड़ी की खिड़की के पास बैठकर बाहर के दृश्यों को देखने का आनंद ले रहा था। सभी प्रकार के दृश्य सामने आ रहे थे और तुरंत ही दर्शन देकर पीछे को भाग कर छुप जाते थे। प्रत्येक दृश्य मानो मेरे साथ आंख मिचौली का खेल खेल रहे हो।

मुझे मेरी प्रथम रेल यात्रा बड़ी आनंददायक लग रही थी। मुझे बाहर के दृश्य अत्यंत लुभावने लग रहे थे। अभी हम लहराते हरे हरे भरे खेतों के सामने से गुजर रहे थे। क्षण भर में सुंदर भवनों का शहर सामने आया। एक क्षण में हम शहर में होते थे तो दूसरे क्षण जंगल में पहुंच जाते थे।

अल्प समय में ही इतनी विविधता मैंने पहले नहीं देखी थी। बड़े बड़े शहरों, नदियों, जंगलों को पार करती हुई हमारी रेलगाड़ी दूसरे दिन प्रातः राजस्थान पहुंच गई। रास्ते में हमने समय पर भोजन व नाश्ता कर लिया था। मेरी माता जी रास्ते में खाने के लिए कई अन्य पदार्थ भी लायी थी।

यात्रा समाप्ति पर

हमारी रेलगाड़ी हमारे गंतव्य स्थल पर पहुंच गई थी। गाड़ी के अच्छी प्रकार रुक जाने पर हम अपना सामान लेकर नीचे उतरे। कुली ने हमारा सामान उठाया। प्लेटफार्म पर वही चहल पहल थी जो गुजरात में थी। वहां पर भी रेलगाड़ियों के आने जाने की घोषणाएं हो रही थी। चाय वाले, नाश्ते वाले, सामने आकर अपने अपने सामान खरीदने को विवश कर रहे थे।

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कुली हमारा सामान प्लेटफार्म से बाहर लाया। हमने सबसे पहले गाइड ढूंढा क्योंकि हमें राजस्थान शहर का अच्छी प्रकार ज्ञान नहीं था तुरंत एक गाइड हमारे पास आया। हमने अपनी सारी योजना से उस को अवगत कराया, तब उसने राजस्थान के लिए मार्गदर्शन किया। हमारी रेलगाड़ी यहीं पर समाप्त हो गई है।

निष्कर्ष

मेरी प्रथम रेल यात्रा मेरे लिए जीवन की एक अविस्मरणीय घटना थी। रेलयात्रा बड़ी आनंददायक यात्रा होती है। हमारे देश में रेल गाड़ियों की संख्या काफी बढ़ी है परंतु भीड़ में कोई कमी नहीं आई है। भीड़ दिनों-दिन अधिक बढ़ गई है। हमारी सरकार को रेल व्यवस्था में सुधार करना चाहिए ओर रैलो की संख्या बढ़ानी चाहिए।

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FAQs. on Train journey in Hindi

ट्रेन की यात्रा सबसे अच्छी क्यों होती है?

उत्तर – रेल यात्रा में बहुत मज़ा आता है, चाहे वह अकेले हो या परिवार के साथ। अगर कोई ट्रेन से यात्रा करने की योजना बना रहा हो, यात्रा में बातचीत, मौज-मस्ती और कई अनुभव आमतौर पर देखने को मिलता है। यात्रा के समय कुछ यादों और अच्छे समय जो आप ने बिताया,  जीवन भर स्मरणीय होता हैं।

आप रेल यात्रा का आनंद कैसे लेते हैं?

उत्तर – जब भी हम रेल से यात्रा करते है तो हम यात्रा करते समय नए दोस्तों और दिलचस्प लोगों से मिलते है। एक फिल्म या श्रृंखला देखते और दोस्तों या परिवार के साथ गेम खेलते है। बाहरी दृश्य देखर मन खुशी से झूम उठता है।

ट्रेन से यात्रा करने में क्या है खास?

उत्तर – रेल से यात्रा करना एक किफ़ायती तरीका है, यह समय की बचत करता है और आरामदायक अनुभव देता है। यह हवाई यात्रा के विपरीत, रेल से यात्रा के दौरान बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अधिक से अधिक सामान ले जा सकते हैं। आप अपना सामान अपने साथ रख सकते है।

मुझे ट्रेन यात्रा क्यों पसंद है?

उत्तर – रेल यात्रा परेशानी मुक्त होती है। रेल यात्रा के दौरान आप को प्रस्थान समय से घंटों पहले आने की कोई आवश्यकता नहीं है, हवाई यात्रा में बहुत ज्यादा सिमा निर्धारित होता है  इसकी तुलना में ट्रेन यात्रा के लिए समान पैक करना भी बहुत आसान है। यात्रा के दौरान लुभावने दृश्य देखने को मिलते है।

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