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Essay On Destiny In Hindi 1000 Words | नियति पर निबंध हिंदी | PDF

Essay On Destiny In Hindi

Essay On Destiny In Hindi (Download PDF) नियति पर निबंध – इस निबंध के माध्यम से हम जानेंगे भाग्य पर एक अच्छा निबंध कैसे लिखे, तो शुरू करते है।

भाग्य में विश्वास करना या न करना व्यक्तिगत हो सकता है परन्तु मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि यह वही है जो भगवान ने आपके जन्म के समय आपके लिए पहले से तय किया है। ऐसा कहा जाता है की आपकी किस्मत को कोई नहीं बदल सकता। जो होना है वो होके ही रहेगा। चाहे अच्छा या बुरा, आपको इससे गुजरना ही होगा।

हालाँकि, यह चुनाव आपका है। की आप चीजों को सकारात्मक रूप से सोचते है यार फिर नकारात्मक। इसे आप खुशी से स्वीकार कर सकते हैं या फिर दुख के साथ। बुरे समय में ख़ुशी और सकारात्मक दृष्टिकोण रखना बेहतर होता है क्योंकि कुछ भी हमेशा के लिए नहीं रहता है और इसमें भी परिवर्तन होता है। इसलिए बुरे समय के लिए भी सही होता है।

जब आप बुरे दौर से गुजरते है तो भगवान इंसान को बुरे वक्त में देखता है। वह आपको सहनशीलता और ढेर सारा धैर्य सिखाते हैं। कुछ लोग इस बात से सहमत है की आप जो भी कोशिश कर सकते हैं, भाग्य कभी नहीं बदला जा सकता है। जीवन उतार-चढ़ाव, दुःख, सुख से भरा है और ये पहले से तय हैं। हमारी पसंद हमारे भविष्य की भविष्यवाणी करती है लेकिन नियति का नियंत्रण होता है। तो आइये जानते है Essay on destiny in Hindi

भाग्य क्या है?

भाग्य किसी व्यक्ति के नियंत्रण में नहीं होता है। केवल कड़ी मेहनत आपके नियंत्रण में है और बहुत मेहनत के बाद भी आप सफल नहीं हो होते है। तब आप इसे क्या कहेंगे हैं? आप अधिक मेहनत करते हैं फिर भी वही परिणाम मिलता है। तो, वहाँ कोई है जो आपके जीवन पर पूर्ण नियंत्रण रखता है जिसे हम नियति कहते है।

विश्वाश 

मनुष्य के पास स्वतंत्र इच्छा होती है। इन दिनों सबसे प्रचलित वह प्रतीत होता है जो कहता है कि नियति या भाग्य नाम की कोई चीज नहीं होती है। यह विचारधारा कहती है कि हमारी सभी सफलताएँ, विफलताएँ और कार्य हमारे द्वारा लिए गए निर्णयों द्वारा नियंत्रित होते हैं।

अगर हम सही निर्णय लेते हैं और जो हम चाहते हैं, उसके अनुसार कार्य करते हैं, तो हमें वह हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता है, लेकिन अगर हम असफल होते हैं, तो हमारी ओर से कुछ गलत होने के कारण अवश्य होना चाहिए। हम स्वतंत्र है और हमारे पास अपनी स्वतंत्र इच्छा से निर्णय लेने का विकल्प है। इस विषय में, भाग्य को सबसे खराब अंधविश्वास माना जाता है। जीवन में विफलताएँ से निपटने के लिए इसको एक मनोवैज्ञानिक रक्षा प्रणाली के रूप में माना जा सकता है।

हम कभी भी यह मानने को तैयार नहीं होते कि असफलता के लिए हम ही जिम्मेदार है। जब भी हम किसी प्रयास में असफल होते हैं या जब भी कुछ ऐसा होता है जो हमारी इच्छा के अनुसार नहीं होता है, तो हम कहते हैं, यह हमारा दुर्भाग्य था जिसके कारण असफल हुए। यह आप को विश्वाश करना है की चीजे गलत है या सही।

निराशावादी

कुछ लोगो निराशावादी सोचते है। क्यूंकि उन्हें लगता है की भाग्य उनके साथ नहीं है लेकिन मैं अक्सर महसूस करता और विश्वास करता कि हम कड़ी मेहनत और दृढ़ता से अपने भाग्य को अपनी पसंद के अनुसार आकार दे सकते हैं। 

जब हम कड़ी मेहनत करने के बाद भी सफल नहीं होते तो हमारा इन मूल्यों पर से विश्वास उठ जाता है और हमे लगता है कि भाग्य में मेरे लिए कुछ और ही है और सारा दोष हम भाग्य का समझते है। हमे ऐसा लगता है की हम चाहे कितनी भी कड़ी मेहनत करें और दृढ़ रहें, फिर भी भाग्य हमें और हमारे भविष्य को नियंत्रित करती है। और हम भाग्य के सामने बाध्य हैं।

हम जब अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते है, फिर भी हम सफल नहीं होते हैं, तो हमें लगता है कि भाग्य नहीं चाहता कि हम वह करे जो हम करना चाहते थे। हम वह नहीं बन सके जो हम बनना चाहते है। सारा दोष नियति का समझकर हम नीरस हो जाते है और कोशिश करना छोड़ देते है।

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आशावादी

सभी लोग अपने भाग्य पर विश्वास करते है। आप भी करते है, लेकिन क्या कभी आप ने अपने भाग्य पर भरोसा किया है? आप ने अपने भाग्य के साथ -साथ कडी मेहनत किया है। इस प्रश्न का उत्तर केवल वही जानते है क्यूंकि भाग्य के भरोसे बहुत काम ही लोग सफल होते है।

हमारी सोंच हमेशा सकारात्मक होनी चाहिए। चाहे हमे सफलता मिले या असफलता। अपने पथ से नहीं भटकना चाहिए क्यूंकि दृढ़ विश्वास ही आप को सफलता की ओर ले जाती है। कुछ लोग अपने लक्ष को पाने के लिए लगातार कोशिश करते है परन्तु सफलता नहीं मिलती है।

जब हम कुछ करना या बनना चाहते है पर किसी कारणवश हम अपने लक्ष को नहीं प्राप्त कर पाते, लेकिन हम कुछ ऐसा कर जाते है जिसके बारे में हमने कभी कल्पना भी नहीं किया होता। हम जो बनना चाहते है पर अपनी जंदगी में कुछ ओर ही बन जानते है जो हमारे सोंच से भी अच्छा होता है तो हम अपने भाग्य की तरफ सकारात्मक सोचने लगते है और अपने भाग्य से अपने जीवन में ज्यादा होने की आशा करने लगते है।

योजना

हमे हमेशा अच्छी योजना बनाना चाहिए क्यूंकि खराब योजना, सही दिशा में प्रयासों की कमी या अपने लक्ष्य की वास्तविकताओं को सही ढंग से आंकने में एकमुश्त विफलता के कारण हो सकता है। हमेशा यह स्वीकार करने में दुख होता है कि हम ने ही गलती की थी, और भाग्य की अवधारणा के पीछे आश्रय लेते हैं।

अच्छी योजना के अनुपस्तिथि में अपने कर्म पर दोष देते हैं क्यूंकि यह आपको हार को जानने और स्वीकार करने के भयानक दर्द से छुटकारा दिलाता है। क्या भाग्य हमारे अपने नियंत्रण में है। यह वास्तव में एक विचारणीय प्रश्न है। उदाहरण के लिए , जहां चाह है, वहां राह है, लेकिन आज के संदर्भ में यह कितना व्यावहारिक है। कड़ी मेहनत और लगन सफलता की दो कुंजी है। इससे हम अपना भाग्य खुद बना सकते हैं। लेकिन कड़ी मेहनत और लगन योजनापूर्ण होनी चाहिए तभी आप का भाग्य आप के साथ होगा।

जिम्मेदारियाँ

बहुत से लोग आँख बंद करके भाग्य के भरोसे रहते है जो कमजोर दिमाग वाले व्यक्ति के लक्षण हैं। वे सभी लोग अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहते है। मजबूत लोग हमेशा भाग्य के हर तूफान का सामना करते है, चाहे कुछ भी हो, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वह असफलता स्वीकार नहीं करेगा। वह अपने लिए जो चाहता है उसके लिए लड़ेगा।

सफलता पाने के लिए एक व्यक्ति कभी भाग्य के भरोसे नहीं रहता है। खुद पर और कड़ी मेहनत और दृढ़ता के मूल्यों में विश्वास करता हैं। अधिक मेहनत के बावजूद भी सफलता नहीं मिला या अपने पोषित लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सके, तो किसी घटिया चीज़ के लिए समझौता नहीं करना चाहिए,

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व्यक्ति को लड़ाकू बनना और अपने सपनों को पूरा करने के लिए आखिरी सांस तक लड़ते रहना होगा। यह गला काट और निर्मम प्रतिस्पर्धा की दुनिया है। याद रखें, इस दुनिया में जिम्मेदारियों से भागने वालो के लिए कोई जगह नहीं है क्योंकि “जीतने वाले कभी हार नहीं मानते और छोड़ने वाले कभी नहीं जीतते। इसलिए जिम्मेदार बनिए और भाग्य के भरोसे नहीं बैठे।

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FAQs. On Destiny In Hindi


जीवन में नियति क्या है?

उत्तर – भाग्य को आपके भविष्य या आपके जीवन के पूर्व-निर्धारित मार्ग के रूप में परिभाषित कर सकते है। घटनाओ का निश्चित क्रम होना, या जीवन में अचानक कुछ अच्छा या बुरा घटित होना भविष्य को निर्धारित करने के रूप में की जाती है। चाहे वह सामान्य रूप से हो या किसी व्यक्ति विशेष द्वारा।

क्या हम भाग्य में विश्वास कर सकते हैं?

उत्तर – भाग्य का प्रश्न कल्पना से भरा हुआ है। लगभग सभी इस अवधारणा पर विश्वास करना चाहते है। यह हमें आगे बढ़ने का एक कारण देता है, प्रेरणा देता है कि हमारा जीवन कैसा होगा ? हम अपने जीवन में करंगे जो हमारे लिए बेहतर हो। धर्मो के अनुशार भाग्य के पास हमारे जीवन के लिए एक उद्देश्य और योजना है।

क्या नियति तय है?

उत्तर – इसके के कुछ पहलू निश्चित होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे हम अपने जीवन में आगे बढ़ते है। यह अधिक स्पष्ट होने लगता है कि हमारी भविष्य के लिए क्या सहायक होगा। लेकिन, आध्यात्मिक रूप से हमारे दैनिक जीवन में जो कुछ भी होता है, वह भाग्य का नहीं बल्कि हमारे अपने कार्यों का परिणाम होता है। हमारे कार्य ही हमारे भाग्य को प्रभावित कर सकते हैं।

हम आशा करते है (Essay on Destiny in Hindi) आप को पसंद आया होगा।

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