भारत के गाँव पर निबंध | Essay on Village in Hindi | PDF
Essay on Village in Hindi
Essay on Indian Village in Hindi 500 + Words (Donwload PDF) भारत के गाँव पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए – हमारे गाँवों में विविधता में एकता है। गांव का जीवन बहुत ही साधारण होता है। यहां पर लोगो का जीवन स्तर कुछ स्थानों पर बहुत साधारण होता है। भारत के गांव खेत, नदी और हरियाली से पूर्ण है। सभी लोग यहाँ पर रहना चाहते है पर कुछ करने से उन्हें पलायन करना पड़ता है, तो आइये शुरू करते है – Essay on Village in Hindi
प्रस्तावना
भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ की 75% जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। भारत के सभी किसान गांवों में रहते हैं, इसलिए भारत की 75% आबादी गांवों में रहती है। यदि भारत के वास्तविक स्वरूप को देखना है तो भारत का वास्तविक स्वरूप भारत के गांवों में विद्यमान है।
इसलिए गांधी जी ने कहा था ‘भारत की आत्मा गांव में है’। आज जब पूरा विश्व 21वीं सदी की ओर बढ़ रहा है। हमारी ग्रामीण समस्या अभी भी नहीं सुधरी है। भारत का ग्रामीण अभी भी पिछड़ा और वंचित है।
भारतीय गांव की स्थिति
भारत के गांव प्रकृति के सुरम्य स्थान हैं। वहां का निवासी प्रकृति की गोद में रहता है। शुद्ध हवा, शुद्ध वातावरण। शहरी प्रदूषण से दूर भारतीय गांव प्राकृतिक सुंदरता के घर हैं। प्रकृति में पूर्ण रूप से समृद्ध लेकिन आर्थिक दृष्टि से बहुत पिछड़े हुए हैं। भारतीय गाँव की स्थिति बहुत ही दयनीय है।
भारत के गांवों का सदियों से शोषण किया जा रहा है पिछड़े, वहां के सभी लोग किसी न किसी पर आश्रित हैं। कृषि की स्थिति यह है कि प्राचीन पारंपरिक तरीके से कृषि करने से उपज में वृद्धि नहीं होती है। भारतीय गांवों में शहर की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।
आज भी मिट्टी के बने घर हैं जो कच्चे हैं। साथ ही जानवर भी बंधे होते हैं। पीने योग्य पानी के कुएं खुले रहते हैं। गांव की गलियां इतनी गंदी हैं कि बारिश में चलना भी मुश्किल है।
ये भी देखें – Essay on Discipline in Hindi
गांव में स्कूल-कॉलेजों का अभाव है। अगर अभी है तो सभी गांवों में नहीं, बल्कि ग्रामीण बच्चों को पढ़ने के लिए दूर-दूर जाना पड़ता है। इसी तरह चिकित्साः का भी अभाव है। ग्रामीणों को किसी न किसी इलाज के लिए शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है।
गांव के रीति-रिवाज
भारतीय संस्कृति भारत के गांव में संरक्षित है। वहां आज भी प्राचीन परंपराओं और रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है, लेकिन वहां के कई परम्परा, रीति-रिवाज, अंधविश्वासों में बदल गए हैं। जन्मदिन, विवाह आदि व अन्य धार्मिक अवसरों पर आवश्यकता से अधिक खर्च कर ग्रामीण कर्ज के जाल में फंस जाते हैं।
ग्राम पंडित उनके देवता हैं, जो उन्हें अपने स्वार्थ के लिए अंधविश्वास के जाल में फंसाते रहते हैं। गांव का किसान जाति, पंथ, छुआछूत के भेदभाव से पीड़ित है। मंत्र, पूजा, जप में अधिक आस्था है। वहां ओझा, पंडित, मौलवी की मौज हती हैं।
भारत में गांवों के पिछड़ेपन के कारण
भारतीय गाँव के पिछड़ेपन का मुख्य कारण अज्ञानता है। शिक्षा के अभाव में भारतीय गांवों में अज्ञानता का साम्राज्य है, जिससे गांव अपने पतन की ओर बढ़ रहा है। शिक्षा प्राप्त करने वाला कोई भी व्यक्ति गांवों में नहीं रहना चाहता। गांव से पढ़े-लिखे लोगों के पलायन के कारण गांव में केवल अनपढ़ लोग ही रह जाते हैं, जिससे वे अज्ञानता के अंधेरे में फंस जाते हैं।
गांव के पिछड़ेपन का कारण सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति भी है। देश का ज्यादातर बजट शहर को सजाने में खर्च हो जाता है और गांवों को देखा तक नहीं जाता है. यदि गांव में सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी तो गांव के शिक्षित युवा गांव से पलायन नहीं करेंगे। सरकार गाँव की दशा सुधारने के प्रति सदैव उदासीन रही, लेकिन शोषकों को सरकार का संरक्षण मिलता रहा।
ग्राम सुधार
भारत की स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने ग्रामीणों की समस्या को राष्ट्रीय समस्या नहीं मानकर इसे प्रांतीय समस्या बना दिया, जिसके कारण जमींदारी प्रथा का पूर्ण उन्मूलन नहीं हो पाया है। कहीं इसी तरह शोषण का तांडव फैल रहा है। जिन राज्यों में जमींदारी प्रथा को समाप्त कर दिया गया है, वहां किसानों की स्थिति में सुधार हुआ है।
आज आवश्यकता इस बात की है कि देश के अधिकांश बजट को गांवों की दशा सुधारने में खर्च किया जाए। गांव में चिकित्सा और शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। शिक्षित वर्ग को गाँवों से पलायन को रोकने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
ये भी देखें – Essay on Exercise in Hindi
किसानों की फसल को उचित मूल्य पर खरीदने के अवसर सृजित किए जाने चाहिए। आधुनिक खेती के लिए किसानों को बीज और खाद के लिए कम ब्याज पर कर्ज दिया जाए। आधुनिक वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देना चाहिए। गांव में साफ-सफाई के ज्यादा से ज्यादा इंतजाम किए जाएं।
निष्कर्ष
गांव भारत की आत्मा है। गांव में भारत माता का वास है। गांव ही राष्ट्र की रीढ़ है। देश की प्रगति गांव की प्रगति पर निर्भर करती है। सुधार के लिए ग्रामीण खुद आगे आएं। जब तक ग्रामीण अपने गांवों के सुधार के लिए संघर्ष नहीं करेंगे, गांव उपेक्षित और पिछड़े रहेंगे। पढ़े-लिखे लोग गांव में रहें और अपने कर्मों से दूसरे लोगों को प्रेरणा दें।
Download PDF – Click Here
Q&A. on Village in Hindi
गांव इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर – गांव महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे देश के कृषि क्षेत्र के प्राथमिक स्रोत हैं और हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। अधिकांश लोग गाँवों में रहते है और गाँव पर्यावरण के पारिस्थितिक संतुलन को भी बनाए रखते हैं।
हम गाँव में क्या देख सकते हैं?
उत्तर – गाँव प्राकृतिक सुंदरता से पूर्ण है। यहाँ पर हरियाली, रंगीन प्रकृति, खेत, जानवर, नदी, तालाब देखने को मिलते है जो की शहरो में दुर्लभ है।
गाँव में रहने में क्या अच्छा है?
उत्तर – हम गाँवो में शांतिपूर्ण और शांत जीवन जी सकते हैं। यहाँ पर वाहन शोर यातायात शोर, औद्योगिक शोर, निर्माण भवन शोर, ज्यादा नहीं है इसलिए प्रदुषण भी कम है। यहाँ पर ताज़ा हवा और खेतो से ताज़ी सब्जियाँ भी मिलती है।