खेल के महत्व पर निबंध | Essay on Importance of Sports in Hindi 500 Words | PDF
Essay on Importance of Sports in Hindi
खेल के महत्व पर निबंध | Essay on Importance of Sports in Hindi 500 + Words (Download PDF) कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए – किसी खेल के महत्व को समझने के लिए आप को खेल से प्रेम करना होगा। खेलने से शारीरिक और मानशिक विकास के अलावा बौद्धिक विकास में खास योगदान है। हम सभी को कोई न कोई खेल अवश्य खेलना चाहिए, तो आइये जानते है इस निबंध के द्वारा खेल का महत्त्व।
प्रस्तावना
हम तरह-तरह के खेल खेलते हैं जिससे हमारा मनोरंजन होता है और साथ ही हमारे शरीर का हर अंग, मांसपेशियां आदि सुचारू रूप से काम करते हैं और हमें अपने शरीर में ऊर्जा का अनुभव होता है।
खेलने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है। इसलिए मनुष्य के लिए जितना खाना, पीना, सोना, हवा आदि जरूरी है, खेलना भी उतना ही जरूरी है। वास्तव में खेल एक प्रकार का व्यायाम है। खेल मनुष्य के लिए नितांत आवश्यक हैं।
खेल प्रतियोगिता के लिए
वर्तमान युग में खेलों का महत्व बहुत बढ़ गया है। प्रतियोगिताओं के कारण खेल का क्षेत्र विस्तृत हुआ है। प्रतियोगिताओं के कारण ही आज पूरा विश्व खेल का मैदान बन गया है। हर कोई अपनी रुचि के खेल में दक्ष बनने की होड़ में लगा है। यह प्रतियोगिता व्यक्ति को विश्व स्तर पर ले जाती है। इन प्रतियोगिताओं ने ओलंपिक, विश्व कप आदि खेलों को जन्म दिया है।
दोस्ती का विकास
खेल दो दिलों को जोड़ने वाले होते हैं। इन खेलों में हारने वाले और जीतने वाले को बड़ी प्रतिस्पर्धा के साथ खेलते हुए अंत में गले मिल जाते हैं। हालांकि इसे जिस भी स्तर पर खेला जाता है, वह दोस्ती और भाईचारे की भावना से खेला जाता है। कोई भी खेल सिर्फ दोस्त ही खेलते हैं, बड़ा हो या छोटा।
आज खेल का क्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है। यह एक राष्ट्र के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने का एक अच्छा साधन साबित हो रहा है। सबसे पहले खिलाड़ी मैदान पर अन्य खिलाड़ियों से हाथ मिलाते हैं। तब राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतर्संबंध बनाते हैं।
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स्कूल स्तर पर जब खिलाड़ी जिला, प्रांत और देश स्तर पर खेलने जाते हैं तो उनके बीच आपसी प्रेम, भाईचारा बढ़ता है। हारने वाला विजेता को बधाई देता है और भविष्य में जीतने के लिए अभ्यास के माध्यम से आगे बढ़ने की कोशिश करता है। इसलिए खेल मित्रता, बंधुत्व के प्रतीक हैं। विभिन्न खेलों में भाग लेने से खिलाड़ियों के संबंध भी काफी बढ़ जाते हैं।
अनुशासित जीवन
खेल में निर्धारित नियमों का पालन करना होता है। संचालकों, गाइडों और शिक्षकों के आदेशों का पालन करना होता है। तो खिलाड़ी का जीवन स्तर स्वतः अनुशासित हो जाता है। समाज में भी खिलाड़ी मिलनसार, मृदुभाषी और सहनशील होता है।
जहां जीत उनके उत्साह को बढ़ाती है, वहीं हार सभी को सहनशील बनाती है। वह जीतकर इतराता नहीं है। हारने वाले हार से नहीं डरते। उनके लिए हार जीत के बराबर है। एक खिलाड़ी जोशीला और मेहनती होता है, आलस्य, थकान उसके पास नहीं आती।
वह ईर्ष्या और भेदभाव से दूर रहता है। दरअसल खेल से ही मानव-मानव प्रेम संबंध बनते हैं। वह दूसरों का सम्मान करता है और खुद से सम्मान प्राप्त करता है।
खेलकूद से यश और सम्मान की प्राप्ति
खेलों से न केवल खिलाड़ियों का सम्मान होता है, बल्कि देश, समाज और जाति का नाम और कीर्ति भी बढ़ती है। वर्तमान खेल प्रतियोगिताओं में स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। उन्हें प्राप्त करना सम्मान की बात मानी जाती है।
ओलम्पिक खेलों में अधिक से अधिक पदक प्राप्त कर प्रत्येक को अपना-अपना सम्मान मिलता है। खिलाड़ियों को व्यक्तिगत सम्मान भी मिलता है। खिलाड़ी को मैच जीतने पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहता है। उन्हें अलग-अलग संगठनों द्वारा अलग-अलग तरीकों से सम्मानित किया जाता है।
स्कूल स्तर और स्थानीय स्तर के खिलाड़ी को भी उसी तरह सम्मान मिलता है और उन्हें हमेशा अपने बड़ों का आशीर्वाद और स्नेह मिलता है, जिससे उन्हें आध्यात्मिक शक्ति मिलती है।
खेल मनोरंजन
खेल प्राचीन काल से ही मनोरंजन का प्रमुख साधन रहा है। आज भी खेलने वालों को खेलते हुए देखकर जन समुदाय को बड़ा आनंद आता है। यह खेल दर्शकों का खूब मनोरंजन करता है।
आजकल राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेले जाने वाले सभी प्रकार के खेल रेडियो और दूरदर्शन द्वारा प्रसारित किए जाते हैं, जिनका दर्शकों द्वारा खुलकर आनंद लिया जाता है। बड़ा खेल का मैदान दर्शकों से खचाखच भरा रहता है। दर्शक ताली बजाकर अपने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने में सहायक होते हैं।
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स्वास्थ्य में वृद्धि
खेल से खिलाड़ियों को काफी व्यायाम मिलता है। इससे वे शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ्य रहते हैं। खेल जहां खिलाड़ी और दर्शक दोनों का मनोरंजन होता है। वहां दोनों के स्वास्थ्य लाभ भी हैं।
खिलाड़ी हमेशा शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है। अगर बच्चे को बचपन से समय-समय पर खेलने का मौका दिया जाए तो वह कभी भी अस्वस्थ नहीं हो सकता।
फुटबॉल, वॉलीबॉल, क्रिकेट, हॉकी, कबड्डी आदि खेलों से शरीर के हर अंग का पूर्ण विकास होता है, जिससे खिलाड़ी का निरंतर विकास होता रहता है। स्वस्थ तन में स्वस्थ मन का वास होता है। इसलिए खेलों से उनका बौद्धिक विकास होता है।
निष्कर्ष
आज के दौर में खेल से ही किसी देश की प्रगति को मापा जा सकता है। खेल हर विकसित देश में अधिक से अधिक विकसित हो रहा है। जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में ज्यादा से ज्यादा मेडल मिलते हैं। इसलिए हमें उन्हें अपने देश में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी तैयार करने के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके लिए बच्चों को बचपन से ही खेलकूद की अभ्यास कराना चाहिए, जिससे उनका शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास होता रहे।
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Q&A. on Importance of Sports in Hindi
मानव जीवन में खेलों का क्या महत्व है?
उत्तर – किसी प्रकार का खेल बालक के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं। खेल बच्चों को उनके शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार करने और उन्हें टीम वर्क का मूल्य सिखाने में सहायक हैं, इसके अलावा खेल हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं।
खेलों के क्या लाभ हैं?
उत्तर – एक अंतराष्ट्रीय खेल से एक देश का दूसरे देश से मधुर रिश्ता बनता है। खेलों के अपने स्वास्थ्य लाभ भी हैं जैसे वजन कम होना, मांसपेशियों का मजबूत होना, हालांकि, वे स्वस्थ निर्णय लेने को भी प्रोत्साहित करते हैं जैसे शराब न पीना और धूम्रपान न करना।
खेल का मूल्य क्या है?
उत्तर – एक खेल किसी के लिए भी टीम निर्माण, निष्पक्षता,अनुशासन, समानता, समावेश, दृढ़ता और सम्मान जैसे मूल्यों को सिखा सकता है।