Adarsh Vidyarthi Par Nibandh 500 Words | Essay on Ideal Student in Hindi | PDF
Adarsh Vidyarthi Par Nibandh
Adarsh Vidyarthi Par Nibandh 500 + Words (Download PDF) Essay on Ideal Student in Hindi for class 5, 6, 7, 8, 9, 10 – आदर्श विद्यार्थी होना सभी विद्यार्थी का सपना होता है और आदर्श बनने के लिए पूरा प्रयत्न करता है, लेकिन सभी विधार्थी, एक आदर्श विद्यार्थी नहीं बन सकते है क्योंकि उसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है। एक आदर्श विद्यार्थी में क्या आदते और गुण होने चाहिए, आइए जानते है इस निबंध के माध्यम से, तो शुरू करते है – Adarsh Vidyarthi Par Nibandh Hindi
प्रस्तावना
प्राचीन काल में, यहाँ चार आश्रमों की व्यवस्था की गई थी, ब्रह्मचर्य आश्रम, गृहस्थ आश्रम, बनप्रस्थ आश्रम और सन्यास आश्रम। जीवन के पहले 25 वर्ष ब्रह्मचर्य आश्रम के लिए निर्धारित किए गए थे। जिसमें प्रत्येक व्यक्ति ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करते हुए गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त करता था। सीखने की प्रगति की इस अवधि को छात्र जीवन कहा जाता था।
आज भी जीवन की प्रारंभिक अवस्था ज्ञान प्राप्ति की अवस्था है। वैसे तो ज्ञान हर स्तर पर मिलता है, लेकिन जीवन के शुरूआती दौर में जब वह ज्ञान हासिल करने के लिए स्कूल जाता है। उस अवस्था को विद्यार्थी जीवन कहते हैं।
अर्थ और महत्व
विद्यार्थी शब्द अपने आप में बहुत व्यापक अर्थ प्रकट करता है, लेकिन सामान्य अर्थ में यह एक मिश्रित शब्द है जो विद्या और अर्थ दो शब्दों के मेल से बना है। विद्या का अर्थ है कि जो ज्ञान चाहता है वह छात्र कहलाता है। हालांकि, हर इंसान जीवन भर एक छात्र है।
हर इंसान कदम-कदम पर बहुत कुछ सीखता रहता है, लेकिन सरल अर्थ में जो बच्चा स्कूल जाकर ज्ञान सीखता है, वह विद्यार्थी होता है। विद्यार्थी जीवन समस्त मानव जीवन की आधारशिला है। जिस पर हमारे जीवन का भव्य भवन विराजमान है। इसलिए विद्यार्थी जीवन बहुत महत्वपूर्ण है।
जीवन की मधुर अवस्था
विद्यार्थी जीवन को जीवन का मधुर चरण कहा जा सकता है। यह जीवन की खुशी और आनंद की स्थिति है। इस जीवन में दुःख और चिंताएँ क्षणिक होती हैं जो पानी के बुलबुले की तरह होती हैं और गायब हो जाती हैं। इस जीवन में व्यक्ति खेल-कूद कर, खेलते जीवन का भरपूर आनंद उठाता है।
एक आदर्श छात्र को पढ़ाई में कोई दुख या चिंता नहीं होती है। यही उसका कर्तव्य है। कर्तव्य पालन से दु:ख और चिन्ता का प्रश्न ही नहीं उठता। वह जीवन भर छात्र के जीवन की सभी गतिविधियों को याद रखता है और उन्हें याद करके ही आनंद की अनुभूति करता है। इसलिए यह जीवन की मधुर अवस्था है।
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इसकी अपनी एक अलग मिठास होती है जो जीवन भर मिठास देती रहती है। इसलिए हर विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपने खुशी के पलों को मधुरता में बिताएं। इस जिंदगी में एक अजीब सा मजा है जो दोबारा नहीं मिलता।
छात्र जीवन की विशेषता
सभी प्रकार का ज्ञान प्राप्त करना विद्यार्थी जीवन की प्रमुख विशेषता है। विद्यार्थी को हर पल कुछ न कुछ सीखना होता है। केवल किताबी ज्ञान प्राप्त करना विद्यार्थी जीवन का अंत नहीं है। अभी विद्यार्थी का परम कर्तव्य है कि वह जीवन के प्रत्येक क्षेत्र का ज्ञान प्राप्त कर अपने सर्वांगीण विकास का विकास करे। आजकल स्कूलों में हर तरह के साधन उपलब्ध हैं जिनसे वे अपना ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
एक आदर्श छात्र के लक्षण
यहाँ विद्यार्थी के लिए पाँच विशेषताएँ प्रतिपादित की गई हैं, जो इस प्रकार हैं, विद्यार्थी को कौवे की तरह खोजने का प्रयास करना चाहिए, बगुले की तरह ध्यान केंद्रित करना चाहिए, कुत्ते की तरह नींद में सतर्क रहना चाहिए और भोजन और ब्रह्मचर्य जैसे अन्य गुणों से संपन्न होना चाहिए। आदि।
ये उपरोक्त लक्षण पिछले युग के छात्र के लिए निर्धारित किए गए थे, लेकिन आज भी छात्र में मौजूद होने चाहिए। क्योंकि इन गुणों के होने से विद्यार्थी सही ज्ञान प्राप्त करने में सक्षम होता है। किसी भी चीज को सीखने के लिए एकाग्रचित होना नितांत आवश्यक है। अधिक खाना, अधिक सोना ज्ञान प्राप्ति में बाधक है।
छात्र की जिम्मेदारी
विद्यार्थी पर अपने भविष्य के प्रति बड़ी जिम्मेदारी होती है। उसे अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए स्वयं को उज्ज्वल गुणों में ढालना पड़ता है। वह जिन गुणों, आदतों और दृष्टिकोणों में ढल जाता है, वे उसके लिए दिशा बन जाते हैं। उसे बुरे व्यसनों और बुराइयों से खुद को बचाना होगा क्योंकि वह उसकी भविष्य की आदत में बदल जाता है।
इसके अलावा छात्र पर आज भी एक बड़ी जिम्मेदारी है। छात्र की मुख्य जिम्मेदारी अपने स्कूल में सार्वजनिक वस्तुओं की रक्षा करना है, उन्हें अपनी वस्तु के रूप में मानना। उस पर भविष्य का बहुत बड़ा बोझ है जिसे उसे बड़े कर्तव्य के साथ निभाना है।
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आज का छात्र देश का भावी नेता है। देश को आगे ले जाने के लिए जब छात्र जागरूक होंगे तभी देश प्रगतिशील विकास की ओर अग्रसर होगा।
निष्कर्ष
एक आदर्श विद्यार्थी को अपने कर्तव्य पालन में सदैव जागरूक रहना चाहिए। अनुशासित जीवन विद्यार्थी को प्रगति के शिखर पर ले जाता है। दूसरा विद्यार्थी दूसरों से सीखता है तो दूसरी ओर अपने आदर्श गुणों से दूसरों को प्रभावित करता है। उस देश के समाज की भविष्य की प्रगति का अंदाजा उस छात्र को देखकर ही लगाया जा सकता है। इसलिए विद्यार्थी को रोल मॉडल बनना चाहिए।
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Q&A. Adarsh Vidyarthi Par Nibandh
एक आदर्श विद्यार्थी में क्या गुण होने चाहिए?
उत्तर – किसी भी अच्छे छात्रों में कुछ गुण होते हैं जो इस प्रकार है –
- विनम्र होना चाहिए।
- विद्यार्थीयो को अनुशासित होतना चाहिए।
- एक विद्यार्थीयो को पढ़ाई या किसी भी कार्य के प्रति मेहनती होना चाहिए।
- सभी विद्यार्थीयो को समय की कद्र करनी चाहिए।
- आश्वस्त होना चाहिए।
एक आदर्श छात्र की क्या भूमिका होती है?
उत्तर – एक आदर्श विद्यार्थीयो हमेशा पढ़ाई के साथ खेल में भी सक्रिय होना चाहिए। एक विद्यार्थी हमेशा समय के पाबंद होता हो और खेलों में भाग लेता है और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपना सारा प्रयास करता है। साध ही उसमे अच्छी आदतों का विकास होता है और सही समय पर सही काम करते हैं।
एक अच्छा शिक्षार्थी कैसा दिखता है?
उत्तर – एक अच्छा शिक्षार्थी दुसरो की बात सुनता है। किसी भी मिली जानकारी का विश्लेषण करता हैं, उसे पड़ता है और उसका मूल्यांकन करता हैं। वह अपना कार्य समय पर पूरा करता है तथा हमेशा उत्तीर्ण होता है।