निबंध

Short & Long Essay on AIDs in Hindi | एड्स (एचआईवी) पर निबंध

Essay on AIDs in Hindi

एड्स (एचआईवी) पर निबंध (Essay on AIDs in Hindi) बच्चों और छात्रों के लिए सरल हिंदी और आसान शब्दों में लिखा गया है। यह (Essay on AIDs in Hindi) हिंदी निबंध एड्स के बारे में उल्लेख करता है कि इसकी उत्पति कैसे हुई और हम इसके बारे में क्यों जानना  चाहिए। छात्रों को अक्सर उनके स्कूलों और कॉलेजों में एड्स पर निबंध (Essay on AIDs in Hindi) लिखने के लिए कहा जाता है। और यदि आप भी यही खोज रहे हैं, तो हमने एड्स पर 100 – शब्दों, 250 – शब्दों और 500 – शब्दों में निबंध दिया है।

Short & Long Essay on AIDs in Hindi ( एड्स (एचआईवी) पर निबंध)

निबंध – 100 शब्द

एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम जिसे एड्स के नाम से भी जाना जाता है, एक घातक और जानलेवा बीमारी है। एड्स (एचआईवी) या ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस के कारण होता है। यह 20वीं सदी की सबसे घातक बीमारियों में से एक है जो मानव शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है। एड्स दुनिया भर में जंगल की आग की तरह फैल गया है और इसने अब तक पूरी दुनिया में उनतीस मिलियन से अधिक लोगो की मृत्यु का कारण बन चूका हैं।

सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा एड्स के प्रति जागरूकता जन-जन तक फैलाई गई है। यह न केवल बीमारी है बल्कि समाज में एक कलंक और भेदभाव के रूप में देखा जाता है। हमें उनमें यह विश्वास पैदा करने की जरूरत है कि एचआईवी पॉजिटिव लोग स्वस्थ और लंबा जीवन जी सकते हैं।

निबंध – 250 शब्द

परिचय

एड्स जिसका अर्थ एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम है। यह एक जन्मजात बीमारी नहीं है इसका मतलब यह है कि किसी व्यक्ति के जीवनकाल के दौरान प्राप्त प्रतिरक्षा प्रणाली की कमी। यह बीमारी पूरी दुनिया में फैल गया है जिससे 29 मिलियन से अधिक लोग मारे गए हैं।

इस के सम्पर्क में आने से रोगी में रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी कम हो जाती है और इन संक्रमणों से अपनी रक्षा करने में असमर्थ हो जाता है। एड्स के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला नैदानिक परीक्षण (एलिसा) यानि एंजाइम लिंक्ड इम्यून-सॉर्बेंट परख है।

एड्स फैलने का कारण 

एड्स ह्यूमन इम्यून डेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होता है एचआईवी-संक्रमण का संचरण आम तौर पर निम्न प्रकार से होता है:-

(ए) संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्क में आने से,

(बी) दूषित रक्त और रक्त उत्पादों के चढ़ाने से,

(सी) संक्रमित सुइयों को साझा करने से, और

(डी) संक्रमित माँ से अपने बच्चे को प्लेसेंटा के माध्यम से।

इसलिए, जिन लोगों को यह संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है उनमें ऐसे व्यक्ति शामिल है जो नशीली दवाओं के आदी, जिनके कई यौन साथी हैं या फिर जिन्हें बार-बार रक्त आधान की आवश्यकता होती है।

एड्स का इलाज

दुनिया में एड्स का कोई इलाज नहीं है इसलिए रोकथाम ही सबसे अच्छा विकल्प है। एचआईवी संक्रमण अक्सर जानकारी के आभाव के कारण फैलता है। सरकार और अन्य संस्था इसके रोकथाम और जानकारी के लिए जागरूकता अभियान और अन्य कार्यक्रम चला रहे है।

निष्कर्ष

एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई उपचार नहीं है और इसे ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन इसकी रोकथाम केवल जागरूकता से कि जाती है। दूसरों को भी इसके बचाव के लिए प्रोत्साहित और शिक्षित करना चाहिए।

निबंध – 500 शब्द

परिचय

एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम यानि एड्स एक व्यापक और घातक बीमारी है जो एचआईवी या ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस के के कारण फैलता है। अभी तक दुनिया में इसका कोई इलाज नहीं है, हालांकि वायरस को धीमा करने के लिए दवाएं मौजूद हैं। एड्स को समाज में कलंक के रूप में देखा जाता है जो यह सुनिश्चित करता है कि समाज में अभी भी लोगो के बिच जानकारी का आभाव है।

एड्स कि उत्पत्ति और इतिहास

ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस यानि (एचआईवी) सबसे पहले पश्चिम और मध्य अफ्रीका में गैर मानव प्राइमेट्स में उत्पन्न हुआ था। 1920 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एचआईवी-1 नामक वायरस का सबसे गंभीर प्रकार खोजा गया था। 1970 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका में यह कई मौतों का कारण बन रही थी, इसलिए 1981 में अमेरिका के रोग नियंत्रण केंद्र ने आधिकारिक तौर पर एक महिला में पाए जाने पर एड्स संक्रमण को मान्यता दी।

एड्स (एचआईवी) कैसे फैलता है

एचआईवी वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कई तरीके से फैल सकता है जैसा कि नीचे दिया गया है।

1. असुरक्षित रक्त आधान

एचआईवी वायरस फैलने का खतरा है तब होता है जब यदि कोई चिकित्सक या अस्पताल रक्त की उचित जांच किए बिना एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में रक्त संचारित करता है। किसी भी रक्त को चढ़ाने से पहले एचआईवी और अन्य वायरस की उपस्थिति के लिए उसकी जांच किया जाना चाहिए।

2. असुरक्षित यौन संबंध

एचआईवी वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में फैल सकता है जब वे असुरक्षित यौन संबंध बनाने के दौरान यौन तरल पदार्थ का आदान-प्रदान करते है।

3. असुरक्षित सुइयों को साझा करने से

संक्रमित सुई साझा करने से भी वायरस फ़ैल सकता है। ऐसी दूषित सुइयों का उपयोग न केवल एचआईवी संक्रमण बल्कि अन्य उच्च संक्रमण जैसे हेपेटाइटिस और सेप्टिसीमिया जैसी अन्य बीमारियाँ भी हो सकती हैं।

4. गर्भावस्था/प्रसव या स्तनपान के दौरान

एक संक्रमित महिला गर्भावस्था के दौरान, प्रसव के दौरान या स्तनपान के दौरान भी अपने बच्चे को वायरस दे सकती है। हालाँकि, अगर गर्भावस्था के दौरान महिला को उचित इलाज मिले तो संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।

एड्स (एचआईवी) का उपचार

फिलहाल किसी भी देश के पास एड्स या एचआईवी का कोई इलाज नहीं है। एचआईवी एक रेट्रोवायरस है जो मेजबान कोशिका के डीएनए को अपने डीएनए की प्रतियों के साथ प्रतिस्थापित करके प्रतिकृति बनाता है, इसलिए इसके फैलने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका एआरटी या एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी है जो वायरस को प्रतिकृति बनाने से रोकती है और इसकी प्रगति को धीमा कर देता है या रोक देता है। संक्रमण के पता चलते ही प्रारंभिक चरण में उपचार शुरू करना सबसे अच्छा है ताकि प्रतिरक्षा प्रणाली को कम हानि पहुंचे। उसके बाद इसके उपचार को उन रोकथाम करने वाली दवाओं के साथ जोड़ा जा सकता है।

निष्कर्ष

एचआईवी एक घातक बीमारी है जो धीरे धीरे फैलता है। इसलिए जागरूकता वास्तव में एड्स को फैलने से रोकने की कुंजी है। हालांकि यह संक्रमण अब नियंत्रण में है लेकिन यह पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। हम ज्यादा से ज्यादा लोगो को इसके बारे में जागरूक करके इसकी रोकथाम कर सकते है।

ये भी देखें –

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button