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Short Essay on Onam in Hindi | ओणम पर निबंध

Essay on Onam in Hindi 100, 200, 300 & 500 Words PDF

Short & Long Essay (Paragraph) on Onam in Hindi | ओणम पर निबंध बच्चों और विद्यार्थियों के लिए सरल हिंदी और आसान शब्दों में लिखा गया है। यह ओणम पर हिंदी निबंध (Essay on Onam in Hindi) ओणम उत्सव के बारे में उल्लेख करता है, ओणम क्यों मानते है? ओणम की मानाने के पीछे क्या कहानी है? क्यों हर किसी को इसके बारे में जानना चाहिए। छात्रों को अक्सर उनके स्कूलों और कॉलेजों में ओणम पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। और यदि आप भी यही खोज रहे हैं, तो हमने ओणम विषय पर (Essay on Onam in Hindi) 100 – शब्द, 200 – शब्द, 300 – शब्द और 500 – शब्द में निबंध दिया हैं।

Short & Long Essay on Onam in Hindi

निबंध – (100 शब्द)

ओणम केरल में मनाये जाने वाला खुशी का उत्सव है। लोग भगवान महाबली के स्वागत के लिए अपने घरों को फूलों और रंगोली से सजाते है। ओणम के दौरान लोग एकता के साथ इस त्योहार को मनाते हैं और जाति, धार्मिक पक्षपात की अपनी सीमाओं को दूर करते हैं।

इस उत्सव को विभिन्न गतिविधियों के साथ मनाते हैं जिसमें संगीत, नृत्य, नाव दौड़, कुम्मट्टी काली, कथकली, कटिकाटी काली, आदि, हाथी परेड और ड्रम बीट शामिल हैं, विजेताओं को पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

ओणम उत्सव के दौरान समुदायों द्वारा बड़ी मात्रा में पारंपरिक भोजन पकाया जाता है और केले के पत्तों पर लोगो को परोसा जाता है। लोग उत्सव और सभी गतिविधियों का भरपूर आनंद लेते है। ओणम उत्सव केरल के समुदायों द्वारा बड़े खुशी और आनंद के साथ मनाया जाता है।

निबंध – (200 शब्द)

ओणम ख़ुशी का उत्सव है जो केरल में सभी समुदायों को एक साथ लाता है। यह दक्षिण भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। इसे लोग बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन जाति और धर्म का कोई महत्व नहीं होता।

ओणम एक फसल उत्सव है जो आम तौर पर अगस्त के अंत और सितंबर की शुरुआत के बीच शुरू होता है। यह मलयालम महीने चिंगम के दौरान शुरू होता है, इस उत्सव को पौराणिक राजा महाबली के स्वागत के लिए भी मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन राजा महाबली की घर वापसी होती हैं।

पूरे केरल में लोग ओणम त्यौहार को दस दिनों तक मनाते हैं और प्रत्येक दिन अनोखा महत्व रखता है। यह उत्सव केरल के इतिहास और समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है।

ओणम उत्सव के दौरान लोग पारंपरिक नृत्य का प्रदर्शन करते हैं जिनमे कथकली, पुलिकाली/कडुवकली, कुम्माट्टी काली, कैकोटी काली आदि है। ओणम पुक्कलम है जो मूल रूप से फूलों से बनाया जाता है। राजा महाबली के स्वागत के लिए लोग अपने घरों के सामने फूलों की सजावट करते हैं।

ओणम एक ऐसा उत्सव है जो केरल के सभी लोगों में एकजुटता कि भावना पैदा करता है। यह एक ऐसा त्योहार है जो समाज द्वारा बनाई सभी सीमाओं को मिटा देता है। लोग इसे बड़े खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं और इस उत्सव का प्रत्येक दिन का भरपूर आनंद लेते हैं।

निबंध – (300 शब्द)

परिचय

ओणम दक्षिण भारत का एक लोगप्रिय उत्सव है जो केरल में मनाया जाता है। यह केरल के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार आधुनिक कैलेंडर के अनुसार अगस्त या सितंबर माह में मनाया जाता है। इस उत्सव केरल के सभी समुदाय द्वारा मिलकर मनाते हैं।

ओणम उत्सव के दौरान केरल के लोग अपनी जाति, धर्म, रंग और भेद-भाव सब भूलकर एकता के साथ मिलकर इस त्योहार का आनंद लेते हैं।

उत्सव मानाने का उद्देश्य

यह उत्सव केरल के लोगो द्वारा राजा महाबली के स्वागत के लिए मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि राजा महाबली केरल के लोगों के लिए भगवान हैं और इस दिन वापस आते हैं और केरल के लोगों को आशीर्वाद देते हैं। वे राजा के स्वागत के लिए अपने घरो और दरवाज़ों को फूलों से सजाते हैं ताकि राजा महाबली उन्हें खुशी के साथ ढेर सारा आशीर्वाद दें।

ओणम एक फसल उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है और यह त्योहार हर साल अगस्त के अंत और सितंबर की शुरुआत में आता है।

ओणम उत्सव मानाने का तरीका

यह उत्सव दस दिनों तक मनाया जाता है जिसमें केरल के लोग विभिन्न गतिविधियाँ और खेल का आयोजन करते हैं। इस उत्सव में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ नृत्य गीत, खेल और पूजा का आयोजन किया जाता है।

गतिविधियाँ जैसे नाव दौड़ जैसे खेल खेले जाते हैं और विजेता को पुरस्कार दिया जाता है। ओणम का पहला और आखिरी दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। ओणम के स्वागत में पहले दिन स्वादिष्ट भोजन पकाया जाता है और इस त्योहार के समापन के लिए विभिन्न गतिविधियाँ कि जाती है।

निष्कर्ष

यह उत्सव एकता का त्योहार है जो केरल के सभी समुदायों को एकजुट करता है। यह एक ऐसा उत्सव है जो केरल के लोगों के दिलों से हर प्रकार कि भेद -भाव, जाति, धर्म और रंग की सभी सीमाओं को मिटा देता है। यह उत्सव प्रत्येक वर्ष बहुत ही आनंद के साथ मनाया जाता है।

निबंध – (500 शब्द)

परिचय

दस दिनों तक मनाया जाने वाला ओणम उत्सव केरल का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। ओणम उत्सव राजा महाबली और फसल कटाई से जुड़ा है। यह उत्सव पुरे केरल में बहुत ही उत्साहपूर्वक से मनाया जाता है। यह उत्सव मलयालम कैलेंडर के पहले महीने चिंगम की शुरुआत में मनाया जाता है जो दस दिनों तक चलता है।

ओणम उत्सव के दस दिन

यह उत्सव दस दिनों तक चलता है। प्रत्येक दिन अपने समारोह और रीति-रिवाज के साथ मनाया जाता हैं। इसकी शुरुआत पहले दिन, अथम, कोच्चि के पास त्रिपुनिथुरा में एक शानदार जुलूस प्रदर्शन के साथ होती है जिसमे स्नेक बोट रेस, पुक्कलम (पुष्प कालीन) प्रतियोगिताएं, पुलिकाली (बाघ नृत्य), और ओनाथल्लू (मार्शल आर्ट) दस दिनों के लिए निर्धारित गतिविधियां हैं।

पहला दिन

ऐसा माना जाता है कि उत्सव के पहले दिन राजा महाबली पाताल लोक से केरल की यात्रा की तैयारी करते हैं। इसी दिन से ओणम उत्सव मानाने की तैयारियां शुरू हो जाती हैं।

दूसरा दिन

ओणम उत्सव के दूसरे दिन पुक्कलम को पीले और नारंगी फूलों की दो और परतें मिलती हैं। दुनिया भर से मलयाली लोग चिथिरा के मंदिरों में आते हैं।

तीसरे दिन

तीसरा दिन चोढ़ी है इस दिन पुक्कलम में चार से पांच अलग-अलग किस्मों के फूल बनाए जाते हैं।

चौथा दिन

चौथे दिन लोग अपने घरों को मौसम की पहली फसल से सुसज्जित करके ओनासाद्य की तैयारी शुरू करते हैं और विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाते हैं।

पाँचवा दिवस

पाँचवाँ दिन अनिझाम है जब नौका दौड़ की तैयारी शुरू होती है।

छठा दिन

उत्सव के छठा दिन लोग विभिन्न क्षेत्रों में स्थानांतरित हो जाते हैं और अपने प्रियजनों के साथ जश्न मनाने है। वे एक-दूसरे को उपहार भी देते और लेते है।

सातवां दिन

इस दिन पुक्कलम बड़ा हो जाता है और पौराणिक कथाओं के अनुसार महाबली को प्रत्येक निवास में आने का निमंत्रण दिया जाता है।

आठवां दिन

आठवां दिन पूर्णदाम होता है, इस दिन घर में महाबली और वामन की मूर्तियां स्थापित की जाती हैं।

नौवां दिन

इस दिन उत्सव की तैयारियां अपने चरम होती हैं और परंपरा के अनुसार राजा महाबली केरल में आते हैं।

दसवाँ दिन

यह उत्सव का अंतिम दिन होता है लोग नए कपड़े पहनते हैं और केरल के कई जिलों में लोक संगीत और नृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे।

आधुनिक ओणम

आधुनिक समय में ओणम का विश्वव्यापी महत्व हो गया है। यह न केवल केरल में बल्कि पूरे विश्व में मलयाली लोगो द्वारा मनाया जाता है। ओणम उत्सव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केरल की संस्कृति और परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। ओणम के समय लोग चीज़ें खरीदते हैं, अपने घरों को सजाते हैं और उपहार बाँटते हैं। इस उत्सव के दौरान पर्यटन उद्योग बढ़ता है।

निष्कर्ष

ओणम उत्सव अपनी संस्कृति और परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। यह उत्सव दुनिया भर से पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है। यह दस दिवसीय उत्सव अपने विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें ओनासध्या, पूकलम, पुलिकाली और साँप नौका दौड़ शामिल हैं। पारंपरिक कला का आयोजन करके इन सांस्कृतिक उत्सवों के माध्यम से दर्शकों को राजा महाबली की कहानी बताई जाती है। यह उत्सव न केवल केरल में बल्कि पूरे विश्व में मलयाली समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है।

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