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How to Give Short Speech on Pollution in Hindi | प्रदुषण पर भाषण

Speech on Pollution in Hindi

Short & Long Speech on Pollution in Hindi (PDF) प्रदुषण पर भाषण – प्रदूषण आज के समय में दुनिया के सामने सबसे बड़ी समस्याओ में से एक है। यह न केवल पर्यावरण को प्रभावित करता है बल्कि ऐसी बीमारियाँ को जन्म देता है जो सभी जीव के लिए हानिकारक हैं। प्रदुषण पर्यावरण में हानिकारक प्रदूषकों का प्रवेश है जो पानी, हवा, और मिट्टी की गुणवत्ता को ख़राब करता है।

आज के युग में मानव ने ऐसी मशीनों और उत्पादों का आविष्कार किया जो हमारे जीवन को आसान तो बनाते है लेकिन इस प्रक्रिया में हमने प्रकृति का नुकसान किया है और उसे प्रदूषित करना शुरू कर दिया।

प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हम सभी को आगे आना चाहिए, क्योंकि यह प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि इसे नियंत्रित करने के लिए स्वयं कार्य करे। इसके अलावा सभी उम्र के लोगो के बिच प्रदूषण और इसके पर्यावरण और उनके भविष्य पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए।

हमने इस लेख में प्रदूषण पर एक छोटा और लंबा भाषण प्रदान किया है तो चलिए शुरू करते है।

प्रदूषण पर लघु भाषण – (Short Speech on Pollution in Hindi)

आज यहां उपस्थित सभी लोगों को सुप्रभात।

मेरे नाम अरविन्द कुमार है। मैं आज आपके सामने उपसस्थित होकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। आज अप्पके सामने एक बढ़ती समस्या, जो एक दशक से भी अधिक समय से कई देशो के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, जो प्रदूषण है।

प्रदूषण पर्यावरण में हानिकारक प्रदूषक तत्वों के शामिल होने से है। ये प्रदूषण तीन प्रकार का होता है जिसे हम वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और मृदा प्रदूषण के नाम से जानते है। जैसा हम सभी जानते हैं कि ये सभी प्रकार के प्रदूषक क्या हैं और इसके कारण क्या है, इसलिए मैं भाषण छोटा रखूंगा और किसी का अधिक समय नहीं लूंगा, क्योंकि इस समय तक मुझे लगता है कि हर कोई इसके बारे में अच्छी प्रकार से जानता है।

प्रदूषण पर इस भाषण में, आज मैं आपके सामने पर्यावरण को बचाने की हमारी ज़िम्मेदारी के बारे में जानकारी देने कि कोशिश करूँगा, तो सबसे पहले मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम किसी भी प्रकार के प्रदूषण को पूरी तरह समाप्त नहीं कर सकते है लेकिन इसे अधिक से अधिक नियंत्रित किया जा सकता है।

यह केवल सरकार कि ही नहीं, बल्कि हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम प्रदूषण को नियंत्रित करने के उचित कदम उठाये, जैसे कि घरेलू कचरे को जल निकायों जैसे नदियों, झीलों, और आसपड़ोस में न फेंकें। इसलिए इसे हमेशा उचित जगह पर रखने कि आपकी एकमात्र जिम्मेदारी है।

प्रदुषण का दूसरा मुख्य कारण पेट्रोल और डीजल की खपत करने वाले सामान्य वाहन है। पेट्रोल और डीजल के चलने वाली वाहन के बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करना बहुत महत्वपूर्ण है।

कारपूलिंग और बाइक पूलिंग विकल्पों पर विचार किया हाना चिहिए, जिससे सड़को पर वाहनों के उपयोग में कमी आएगी, और वायु प्रदूषण भी कम होगा।

अब समय आ गया है कि सभी माता-पिता को अपने बच्चों को प्रदूषण और पर्यावरण पर इसके बुरे प्रभाव के बारे में शिक्षित करना चाहिए। क्योंकि यह बच्चों के मन में पर्यावरण के प्रति देखभाल और जागरूकता की भावना पैदा करता है। 

अंत में, प्रदूषण को नियंत्रित करना और भविष्य को बचाना हम सभी कि जिम्मेदारी है अन्यथा भविष्य में हम सभी को इसके बुरे प्रभाव से गुज़रना पड़ेगा।

सुनने के लिए धन्यवाद।

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प्रदूषण पर लम्बा भाषण – (Long Speech on Pollution in Hindi)

यहां उपस्थित सभी लोगों को सुप्रभात।

आज, मैं अरुण कुमार, प्रदूषण पर भाषण देने के लिए बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। इस भाषण के माधयम से मैं सभी को यह बताने की पूरी कोशिश करूंगा कि प्रदूषण क्या होता है, इसके दुष प्रभाव क्या हैं और इसको कैसे नियंत्रित कर सकते है।

प्रदूषण प्राकृतिक पर्यावरण में हानिकारक तत्वों की उपस्थिति है जो पर्यावरण में रहने वाली सभी जीव, जंतु को नुकसान पहुंचाते हैं और प्रतिकूल परिवर्तन लाते हैं। तो चलिए, इस भाषण में हम प्रदूषण पर विश्लेषण करें।

प्रदूषण में वृद्धि के लिए मानव जाति के अलावा किसी को भी दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। मनुष्य पर्यावरण में प्रदूषण की बेतहाशा वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं। जैसे-जैसे हमने अपने जीवन जीने का विकास किया, हमने प्रकृति का बड़े पैमाने पर शोषण करना शुरू कर दिया है। मानव द्वारा निर्मित कारखानों, उद्योग और घरेलू कचरे द्वारा वायुमंडल में छोड़े गए हानिकारक पदार्थों ने पर्यावरण को दूषित करने लगे है।

 जैसा कि हम सभी को पता हैं प्रदूषण तीन प्रकार के होते है जो वायु, जल और मृदा प्रदूषण है। वायु प्रदूषण हवा में हानिकारक प्रदूषकों और पदार्थों की उपस्थिति के कारण होता है। ये सभी हानिकारक गैसें गंदगी, वाहनों, धूल, और विनिर्माण कारखानों से निकलने वाली जहरीली गैस हैं।

वाहनों या फैक्ट्रियों ने हमारा जीवन आसान बना दिया है, लेकिन इससे पर्यावरण पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। इनसे निकलने वाली हानिकारक गैसें से श्वसन संबंधी बीमारियों जैसे अस्थमा का कारण बनती हैं।

ये प्रदूषक वातावरण को गर्म करते है जो ओजोन परत को ख़राब कर सकते हैं जिससे पराबैंगनी किरणें पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न करती हैं।

प्रदुषण का दूसरा मुख्य कारण जल प्रदूषण है और यह तब होता है जब जहरीले पदार्थ झीलों, नदियों, और महासागरों जैसे जल निकायों में मिल जाते हैं।

ये जहरीले प्रदार्थ कृषि क्षेत्र से रासायनिक उर्वरक या जहरीले औद्योगिक अपशिष्ट, सीवेज जल हो सकते हैं। विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न यह प्रदूषक सीधे बड़े जल निकायों में बहा दिया जाता है जो पीने के पानी में मिल जाता है और हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते  है। जल प्रदूषण के कारण दिन-ब-दिन पीने के पानी की मात्रा कम होती जा रही है।

तीसरा मुख्या कारण मृदा प्रदूषण है यह जहरीले प्रदूषकों के साथ मिट्टी का संदूषण है। जो जहरीले पदार्थ उर्वरकों, कीटनाशकों और औद्योगिक रसायनों में मौजूद रसायन होते हैं। इस विषाक्त पदार्थों में बैक्टीरिया, रोगाणु आदि होते हैं जो सभी जीवित जीवों के लिए जीवन के लिए खतरा हो सकते हैं।

किसी भी प्रकार के प्रदूषण को पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सकता, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। एक समुदाय के रूप में, यह हम सभी कि एकमात्र जिम्मेदारी है कि हम गैर-बायोडिग्रेडेबल पदार्थों का इस्तेमाल करने के बजाय पर्यावरण-अनुकूल प्रदार्थो का इस्तेमाल करके प्रदूषण से लड़ें।

हमें सभी को जागरूक करना चाहिए और छोटे-छोटे निवारक उपायों के बारे में पता होना चाहिए जो प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

पेर्ट्रोल और डीजल वाहनों के प्रयोग से बचें क्योंकि इससे प्रदूषण होता है। इन वाहनों के बजाय इलेक्ट्रिक कारों और बाइक का उपयोग किया जा सकता है। कारपूलिंग और बाइक पूलिंग करना एक अच्छा तरीका है,

अंत में, मैं इस भाषण को समाप्त करते हुए यह कहना चाहूंगा कि हर प्रकार के प्रदूषण से हमारे पर्यावरण, जानवरों और मानव जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए हमें बेहतर भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए, क्यूंकि हम सब मिलकर प्रदूषण को नियंत्रित कर सकते हैं।

सुनने के लिए धन्यवाद।

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