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NOUN IN HINDI DEFINITION, MEANING, EXAMPLES, TYPES | PDF

NOUN IN HINDI DEFINITION, MEANING, EXAMPLES, TYPES

NOUN IN HINDI DEFINITION, MEANING, EXAMPLES AND TYPES (Download PDF) | What is Noun in Hindi – संज्ञा क्या है, किसे कहते है – संज्ञा शब्द दो शब्दों के योग से बना है – सम् + ज्ञ। सम् का अर्थ है सम्यक। अर्थात ठीक से, अच्छी प्रकार से, ज्ञ का अर्थ है – ज्ञान का परिचय। संज्ञा शब्द का अर्थ है – सम्यक ज्ञान, सम्यक परिचय।

इसलिए, जिस शब्द से किसी वस्तु, व्यक्ति, प्राणी, स्थान व भाव का सम्यक अर्थात अच्छी प्रकार से परिचय हो उसको संज्ञा कहते हैं।

संज्ञा को ‘नाम’ भी कहते हैं। ‘नाम’ शब्द लिंग, वचन और विभक्ति युक्त होता है। इसलिए ‘संज्ञा’ भी नाम है। संज्ञा में लिंग, वचन और विभक्तियाँ आंतर्निहित होती हैं। संज्ञा का कोशगत अर्थ भी ‘नाम’ है।

संज्ञा की परिभाषा (Definition of noun in Hindi)

किसी वस्तु, स्थान, प्राणी, भाव, कार्य आदि के नाम का बोध कराने वाले शब्दों को संज्ञा कहते हैं। जैसे –

भारत एक राष्ट्र है।

राम पुस्तक पढ़ता है।

पंकज एक विद्यार्थी है।

दिल्ली एक शहर है।

गंगा हिमालय से निकलती है।

उपर्युक्त वाक्य में दिल्ली, शहर, पंकज, विद्यार्थी, राम, पुस्तक, गंगा, विद्यालय, भारत, राष्ट्र, नाम है इसलिए संज्ञा है।

संज्ञा के प्रकार – Types of noun in Hindi

हिंदी में संज्ञा के पांच भेद होते हैं।

  • व्यक्तिवाचक संज्ञा
  • जातिवाचक संज्ञा
  • भाववाचक संज्ञा
  • समूहवाचक संज्ञा
  • द्रव्यवाचक संज्ञा

उक्त भेद प्रमाणिक व मानक हैं। परंतु कतिपय विद्वान जो हिंदी को अंग्रेजी की अनुवाद की भाषा समझते हैं वे अंग्रेजी व्याकरण के अनुकरण के अनुसार हिंदी में द्रव्यवाचकसमूहवाचक संज्ञा जोड़कर संज्ञा के पांच भेद बना देते हैं। लेकिन हिंदी में संज्ञा के तीन ही भेद मान्य व प्रमाणिक हैं।

(1) व्यक्तिवाचक संज्ञा – Proper noun in Hindi

जो संज्ञा शब्द किसी एक वस्तु, व्यक्ति, प्राणी, स्थान, धातु, समूह, विशेष के नाम से पहचान कराते हैं उन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। 

जैसे – दिल्ली, मुंबई, रामायण, गीता, सोमवार, राम, कृष्णा, कालिदास, गांधी जी, भारत, नेपाल, गंगा, रविवार, चैत्र, वैशाख, बसंत, चावल, चना, सोना, चांदी, लोहा, कांग्रेस, जनता दल, भाजपा, थलसेना, सातवीं कक्षा, आठवीं कक्षा, आदि।

(2) जातिवाचक संज्ञा – Common noun in Hindi

जो शब्द एक पूरी जाति अर्थात एक ही प्रकार की समस्त वस्तु, प्राणियों, स्थानों, आदि का बोध कराते हैं, उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं – जैसे लड़का, राजमिस्त्री, नदी, पर्वत, देश, शहर, धातु, अनाज, सेनादल, पार्टी, आदि।

उपयुक्त उदाहरणों में सभी किसी एक का नाम नहीं है। यह एक समूह विशेष का परिचय है। वह समूह विशेष ही जाती है।

(3) भाववाचक संज्ञा – Abstract noun in Hindi

भाव का नाम, गुण, दशा का ज्ञान कराने वाले शब्द भाववाचक संज्ञा कहे जाते हैं, अर्थात भाव का नाम भाववाचक संज्ञा है। भाव से तात्पर्य है – काम, क्रोध, लोभ, मोह, प्रेम, घृणा, लज्जा, उत्साह, आदि। 

भाव से तात्पर्य है – किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान अर्थात व्यापार में स्थित उसका धर्म जिसके रहने से उस प्रदार्थ की पहचान बनी रहती है, जैसे मधुर में माधुर्य, खट्टे में खटास, बुद्धिमान में बुद्धिमता, चालक में चालाकी, गुरु में गुरुत्व, देव में देवत्व, मनुष्य में मनुष्यता, भूखा में भूख उसके धर्म है। यही धर्म भाव है जो व्याकरण की दृष्टि से भाववाचक संज्ञा है।

(4) समूहवाचक संज्ञा – Collective noun in Hindi

जो शब्द किसी व्यक्तियों या प्राणियों, स्थानों या वस्तुओं के समूह का बोध कराता है उस शब्द को समूहवाचक संज्ञा कहते है। अगर साधारण शब्दों में कहे तो किसी एक पुरे समुदाय को समूहवाचक संज्ञा कहते है। जैसे – लोग, कक्षा, गुच्छा, सभा, झुण्ड, गेंहूँ का ढ़ेर, आदि।

उदाहरण –

लोग, बहुत सारे लोगों का समूह।

गुच्छा, फल का बहुत सारा गुच्छा या समूह।

हमरी सेना बहुत बहादुर है।

ये सभी लोग, गुच्छा, सेना समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण हैं। क्योंकि ये शब्द अपने सम्पूर्ण समूह का बोध करवाते हैं।

(5) द्रव्यवाचक संज्ञा – Material noun in Hindi

जो शब्द किसी द्रव्य, धातु, या पदार्थ को दर्शाता है जिसे हमलोग गिन नहीं सकते सिर्फ तौल या माप सकते है या उनका बोध कराता है ऐसे संज्ञा को द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है|

जैसे – लोहा, पानी, दूध, तेल, सोना आदि। 

उदाहरण –

लोहे से मजबूत औजार बनाये जाते हैं।

गाय का दूध अत्यंत सवादिष्ट होता है।

सोने से गहने बनाये जाते है।

इन वाक्यों में दूध, सोना, और लोहा द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण हैं।

व्यक्तिवाचक व जातिवाचक संज्ञा में अंतर

एक समूह व जाति में कई नाम है। वह नाम व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं। लड़का एक जाती है, उनमें कई व्यक्ति नाम है। राम, मोहन, दिनेश, आदि। उसी प्रकार देश एक जाती है, लेकिन भारत, नेपाल, आदि नाम है। पर्वत जाती है, पर्वत के नाम हिमालय, अरावली व्यक्ति है। शहर एक जाती है, शहर के नाम दिल्ली, आगरा, मुंबई व्यक्ति है। अनाज एक जाती है, अनाज के नाम चावल, चना व्यक्ति है। पार्टी एक जाती है, पार्टी के नाम कांग्रेस, जनता दल, भाजपा व्यक्ति है। यही व्यक्तिवाचक व जातिवाचक संज्ञा में अंतर है।

संज्ञा के विशेष प्रयोग

प्रयुक्त पंक्तियों में संज्ञा के तीनों भेदो का विशद विवेचन किया गया है। लेकिन किसी विशेष धर्म में व्यक्तिवाचक संज्ञा को जातिवाचक में और जातिवाचक संज्ञा को व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में भी प्रयुक्त किया जाता है।

(1) जातिवाचक संज्ञा का व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग – कभी-कभी एक जाति या समुदाय विशेष के लिए प्रयुक्त शब्द एक व्यक्ति के रूप में प्रयुक्त होता है। इस स्थिति में वह जाति वाचक शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाता है। जैसे –

पंडित जी प्रथम प्रधानमंत्री थे।

महात्मा ने सत्य और अहिंसा से देश स्वतंत्र किया।

नेता जी ने कहा मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा।

मौलाना हमारे प्रिय स्वतंत्रता सेनानी थे।

इस वाक्य में प्रयुक्त महात्मा, पंडित, मौलाना, नेताजी, जातिवाचक संज्ञा होते हुए भी यहां पर व्यक्तिवाचक संज्ञा है।

(2) व्यक्तिवाचक संज्ञा का जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग – कभी किसी व्यक्ति का नाम एक व्यक्ति के लिए प्रयोग ना होकर उसके गुण दोष के आधार पर एक संपूर्ण जाति के लिए प्रयुक्त होती है। ऐसी स्थिति में वह व्यक्ति का नाम व्यक्तिवाचक संज्ञा ना होकर जातिवाचक संज्ञा बन जाता है। जैसे – विभीषण, हरिश्चंद्र, जयचंद्र ,सीता, सावित्री, ये नाम व्यक्तिवाचक संज्ञा है। लेकिन जब यह नाम एक समूह जाति के लिए कहे जाते हैं तो वे जातिवाचक संज्ञा बन जाते हैं। जैसे –

आज भी देश में सीता सावित्री का अभाव नहीं है

आज के विभीषण ही देश के गद्दार हैं

हमारे समाज में आज भी हरिश्चंद्र हैं

जयचंद इस देश में हमेशा पैदा होते रहे हैं

उपर्युक्त वाक्य में प्रयुक्त नाम गुण, दोष के आधार पर एक समुदाय या जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं इसलिए वे जातिवाचक संज्ञा है।

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